महाराष्ट्र की सियासत में मॉनसून दोबारा लौटता नजर आ रहा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि एनसीपी सुप्रीमो के एक बड़े बयान ने पूरी राजनीति की हवाओं का रूख बदल दिया है। शरद पवार ने बयान दिया है कि अजित पवार हमारे ही नेता हैं, इसमें कोई विवाद नहीं है। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि एनसीपी में कोई फूट नहीं हुई है। अगर किसी नेता ने अलग भूमिका ली है तो लोकतंत्र में ये उसका अधिकार है।

एनसीपी एकजुट है, अजित हमारे ही नेता”

एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। पवार के इस बयान से एक दिन पहले ही सुप्रिया सुले ने भी कहा था कि एनसीपी एकजुट है और अजित दादा हमारे ही नेता हैं। दरअसल, जब शरद पवार से सवाल किया गया कि भ्रम इस बात का है कि एक तरफ कहा जा रहा है कि एनसीपी में फूट हो गई है। लेकिन कल (सुप्रिया) ताई ने ऐसा ऐलान किया है कि एनसीपी में फूट नहीं पड़ी है और (अजित) दादा हमारे ही नेता हैं।

“कोई विवाद नहीं, ये उनका अधिकार है”

इस सवाल के जवाब में शरद पवार ने कहा, “हैं ही… इसमें कोई विवाद नहीं है। फूट पड़ना इसका अर्थ क्या होता है? पार्टी में फूट तब होती है, जब देश स्तर पर पार्टी का एक बड़ा वर्ग अलग हो गया हो। आज ऐसी स्थिती यहां नहीं है। मान लीजिए अगर कुछ लोगों ने पार्टी छोड़ दी या कुछ लोगों ने अलग भूमिका ली तो ये लोकतंत्र में उनका अधिकार है। अगर उन्होंने कोई फैसला लिया है, तो ‘फूट पड़ गई’ ऐसा कहने की कोई वजह नहीं है, ये उनका निर्णय है।


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