बिहार के 20 जिलों में बारिश का अलर्ट
चक्रवात तूफान दाना के कमजोर पड़ने के बाद इसका असर दीपावली तक रहेगा। इस दौरान पुरवा हवा चलने के साथ बादलों की आवाजाही व हल्की वर्षा की संभावना है। दीपावली के बाद न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री गिरावट के आसार हैं।
बिहार के 20 जिलों में बारिश की चेतावनी
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान पटना सहित दक्षिणी व उत्तरी भागों के 20 जिलों में बादल छाए रहने के साथ हल्की वर्षा व बूंदाबांदी की संभावना है। पटना, बेगूसराय, गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, समस्तीपुर, कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया, खगड़िया, दरभंगा, छपरा, बक्सर, मधुबनी समेत 20 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान लोगों से सावधान रहने की अपील की गई है।
प्रदेश के अधिकतम तापमान 31-33 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 21-24 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है।
मौसम विभाग के अनुसार ओडिशा में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके कारण प्रदेश में पुरवा का प्रवाह जारी है। अगले दो से तीन दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है। सोमवार को पटना सहित आसपास इलाकों में बादलों की आवाजाही बने होने से मौसम सामान्य बना रहा। सोमवार को पटना का अधिकतम तापमन 31.9 डिग्री सेल्सियस जबकि 36.8 डिग्री सेल्सियस के साथ सीतामढ़ी पुपरी में सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
इन इलाकों में दर्ज की गई बारिश
दरभंगा व छपरा को छोड़ कर पटना सहित सभी जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के अलग-अलग भागों में हल्की वर्षा दर्ज की गई। गया जिले के डोभी में 18.6 मिमी, मुंगेर में 16.5 मिमी, बाराचट्टी में 16.4 मिमी, बक्सर में 9.4 मिमी, आरा में 5.4 मिमी, रोहतास में 4.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
चक्रवात दाना ने धान की फसल को किया बे-दाना
चक्रवात दाना ने धान की फसल को बे-दाना कर दिया है। पूरे भागलपुर जिले में इसका प्रभाव दिखा। इसका सर्वाधिक असर बेलदौर प्रखंड में दिखाई पड़ा है। बेलदौर में 10 हजार हेक्टेयर में धान की खेती की गई है। दाना चक्रवात के कारण तेज हवा और वर्षा से धान की फसल बड़े पैमाने पर बर्बाद हुई है।
किसान माथा पीटने को विवश हैं। कई हेक्टेयर में लगी धान की फसल गिरकर नष्ट हो गई हैं। बेलदौर में छह हजार हेक्टेयर में धान की खेती होती थी। इस बार चौर-चांप में भी धान की खेती की गई। खेतों में फसल लहलहा रही थी।
परंतु पूर्व में तीन पंचायत कुर्बन, दिघौन, इतमादी पंचायत में बाढ़ से फसल बर्बाद हुई। मालूम हो कि कोसी में इस दफा असमय बाढ़ आई। कोसी की बाढ़ अमूमन जुलाई-अगस्त में आती थी। परंतु इस वर्ष 29 सितंबर को कोसी बराज से छह लाख 61 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद अक्टूबर आरंभ हाेते ही बेलदौर प्रखंड की उक्त तीन पंचायतें बाढ़ की चपेट में आ गई।
खेतों में लगी धान की फसल बड़े पैमाने पर डूब गई। अब बाकी बची पंचायतों में तेज हवा और वर्षा से पांच सौ हेक्टेयर में लगी धान की फसल बर्बाद हो गई है।क्या कहते हैं किसान भोलादास बासा के ललन शर्मा, रामस्वरूप शर्मा, मुन्ना शर्मा, महिनाथ नगर गांव के सियाराम यादव, दिनेश यादव, जय कृष्ण यादव आदि ने बताया कि आंधी-वर्षा किसानों के लिए आफत बनकर आई।
किसान बोले- महाजन से कर्ज लेकर खेती की थी
एक एकड़ धान की खेती में कम से कम सात से नौ हजार रुपये खर्च आते हैं। परंतु बीते दिनों हुई असमय की मूसलाधार वर्षा और तेज हवा के कारण खेतों में खड़ी धान की फसल तबाह हो गई। इन किसानों ने कहा कि, महाजन से कर्ज लेकर खेती की थी। अब कर्ज कहां से चुकाएंगे। किसानों ने कहा कि, धान बेचकर कर्ज चुकाते और रबी की मक्का लगाते। अब रबी की खेती भी नहीं कर पाएंगे। महिनाथ नगर के मनीष पासवान ने बताया कि, औरलाही बहियार में धान की खेती की थी। पौधे में ‘धनशीशा’(धान की बाली) आ गई थी।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.