बांका की बेटी श्रुति की परिश्रम लाई रंग, बनी दारोगा
कड़ी मेहनत एवं बुलंद हौसलों के साथ लगातार कर्मशील रह कर असंभव को संभव बनाया जा सकता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है फुल्लीडुमर डोमोडीह निवासी धर्मेंद्र कुमार सिंह एवं रश्मि कुमारी की लाडो श्रुति ने दरोगा बन कर। अनुकूल माहौल एवं सही मार्गदर्शन के बल पर लक्ष्य हासिल करने से कहीं ज्यादा कठिन है विपरीत परिस्थितियों में अपने लक्ष्य को हासिल करना।
श्रुति आज विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी सफलता का परचम लहराने वाली बेटी बन गई है। धर्मेंद्र एवं रश्मि के आंगन में किलकारी भरने वाली लाडो अब गांव की लाडो बन गयी है। अब आसपास गांव के हर मां-बाप अपनी अपनी बेटियों को श्रुति से प्रेरणा लेने को प्रेरित कर रहे हैं।
श्रुति डोमोडीह गांव निवासी समाजसेवी दुर्गा प्रसाद सिंह की पोती है। एक सड़क दुर्घटना में उसके बाबा की दर्दनाक मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा पड़ा था। इस दुख को कम करने के लिए श्रुति ने कुछ कर दिखाने का सपना देखा। फिर वह मौन साधिका की तरह अपने सपने को पूरा करने के लिए दिन रात जुट गई। उसे पढ़ने लिखने के अलावा कुछ दिखता ही नहीं था।
श्रुति की मौन साधना ने माता पिता को बेचैन कर दिया। माता ने अपनी एक मात्र बेटी को पढ़ने उसके ननिहाल रजौन प्रखंड के मकनपुर गांव भेज दिया। उचित माहौल मिलने से उसकी उमंगें कुलांचें भरने लगी।ननिहाल से ही उसने स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद दारोगा बनने का जुनून सवार हो गया। उसने पहले प्रयास में ही दारोगा बनने का सपना पूरा कर लिया। दो माह पूर्व मधुबनी जिले में वह पदस्थापित हुई है।
बिहार में दारोगा बनने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें
- शैक्षिक योग्यता: दारोगा बनने के लिए आपको कम से कम स्नातक (ग्रेजुएट) होना चाहिए।
- आयु सीमा: उम्मीदवार की आयु 20 से 37 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- शारीरिक योग्यता: दारोगा पद के लिए शारीरिक रूप से फिट होना आवश्यक है। पुरुषों के लिए लंबाई 5’5″ और महिलाओं के लिए 5’2″ होनी चाहिए।
- परीक्षा: बिहार पुलिस सब-ऑर्डिनेट सेवा आयोग (BPSSC) द्वारा आयोजित दारोगा परीक्षा में भाग लें।
- लिखित परीक्षा: दारोगा परीक्षा में लिखित परीक्षा, शारीरिक दक्षता परीक्षा और मेडिकल टेस्ट होते हैं।
- साक्षात्कार: लिखित परीक्षा और शारीरिक दक्षता परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद साक्षात्कार होता है।
- प्रशिक्षण: चयनित उम्मीदवारों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
- नियुक्ति: प्रशिक्षण पूरा होने के बाद दारोगा के रूप में नियुक्ति होती है।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.