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BSNL लाने जा रही D2D टेक्नोलॉजी, बिना सिम कर सकेंगे कॉलिंग… Airtel और Jio की बढ़ी टेंशन

डायरेक्ट-टू-डिवाइस (D2D) एक नई सैटेलाइट कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी है, जो यूजर्स को बिना किसी मोबाइल टावर या वायर के सीधे अपने स्मार्ट डिवाइस से कनेक्टिविटी की सुविधा देती है। यह तकनीक स्मार्टफोन, स्मार्टवॉच, और अन्य गैजेट्स के बीच कम्युनिकेशन स्थापित करने में मदद करती है।

BSNL और Viasat का सफल ट्रायल
BSNL ने Viasat के सहयोग से इस टेक्नोलॉजी का सफल ट्रायल पूरा किया है, जिसमें यूजर्स को बिना सिम कार्ड और नेटवर्क के ऑडियो-वीडियो कॉलिंग करने की सुविधा मिलेगी। इस ट्रायल में कमर्शियल Android स्मार्टफोन का उपयोग करते हुए 36,000 किलोमीटर दूर के सैटेलाइट नेटवर्क से फोन कॉलिंग की गई।

क्या है की विशेषताएँ

  • बिना सिम कार्ड: यूजर्स को कॉलिंग करने के लिए किसी सिम की आवश्यकता नहीं होगी।
  • स्मार्ट डिवाइस कनेक्टिविटी: यह तकनीक स्मार्टफोन, स्मार्टवॉच और अन्य गैजेट्स के बीच सीधा कनेक्शन स्थापित करती है।
  • इमरजेंसी कनेक्टिविटी: यह सुविधा विशेष रूप से आपातकालीन स्थितियों में उपयोगी साबित होगी, जब पारंपरिक नेटवर्क उपलब्ध नहीं होते।

इमरजेंसी स्थितियों में सहायता
यह नई टेक्नोलॉजी इमरजेंसी की स्थिति में उपयोगकर्ताओं को कॉलिंग की सुविधा प्रदान करती है, जब अन्य नेटवर्क उपलब्ध नहीं होते। यूजर्स बिना किसी परेशानी के अपने स्मार्टफोन या अन्य स्मार्ट डिवाइस पर कनेक्टिविटी प्राप्त कर सकते हैं।

प्रतियोगिता का बढ़ता दायरा
BSNL के अलावा, अन्य प्रमुख टेलीकॉम ऑपरेटर्स जैसे Airtel, Jio, और Vodafone-Idea भी अपने सैटेलाइट कनेक्टिविटी सेवाओं पर काम कर रहे हैं।

Airtel की पहल
Airtel ने हाल ही में इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 के दौरान अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस का डेमो प्रस्तुत किया। इस डेमो में Airtel ने यह दिखाया कि कैसे सैटेलाइट इंटरनेट का उपयोग किया जा सकता है, जिससे दूरदराज के क्षेत्रों में भी कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जा सके।

Jio और Vodafone-Idea
Jio और Vodafone-Idea भी अपनी-अपनी सैटेलाइट कनेक्टिविटी परियोजनाओं पर सक्रियता से काम कर रहे हैं। ये कंपनियाँ भी इस क्षेत्र में नई तकनीकों को अपनाकर प्रतिस्पर्धा में आगे रहने की कोशिश कर रही हैं।

सरकार की भूमिका और भविष्य की योजनाएं
सरकार जल्द ही स्पेक्ट्रम आवंटन करने की योजना बना रही है, जिससे BSNL, Airtel, Jio, Vodafone-Idea और Elon Musk की Starlink जैसी कंपनियों को सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने की अनुमति मिलेगी। इस स्पेक्ट्रम आवंटन के बाद भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं का दायरा और बढ़ेगा। BSNL और Viasat का यह ट्रायल एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सैटेलाइट आधारित कम्युनिकेशन की दिशा में एक नई संभावनाएं खोलता है। यूजर्स को इमरजेंसी स्थितियों में बेहतर कनेक्टिविटी का अनुभव मिलेगा, जबकि टेलीकॉम क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।


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