भागलपुर : 24 घंटे बाद परबत्ती की प्रतिमा का विसर्जन
भागलपुर। मां काली की प्रतिमा का विसर्जन रविवार देर रात कालीघाट में बने कृत्रिम तालाब में हो गया। सभी प्रतिमाओं के विसर्जन में 30 घंटे से अधिक का समय लगा। सबसे पहले परबत्ती की बुढ़िया काली की प्रतिमा का विसर्जन हुआ। मेढ़ से उतारने से लेकर विसर्जन घाट पहुंचने में इस प्रतिमा को 24 घंटे का समय लगा। विसर्जन घाट में बुढ़िया काली की प्रतिमा की आरती उतारी गयी। इससे पूर्व स्टेशन चौक पर शनिवार देर रात पूर्व मेयर डॉ. वीणा यादव ने आरती उतारी थी। विसर्जन मार्ग में परबत्ती के युवाओं के द्वारा भाला, लाठी व तलवार का आकर्षक करतब दिखाया गया। रथ पर संरक्षक रहे स्व. कामेश्वर यादव की तस्वीर लगी थी। रथ पर उनके पोते रणवीर यादव सवार थे। रणवीर ने बताया कि बुढ़िया काली शाम 5:30 बजे कालीघाट पहुंच चुकी थी। इसके बाद सात बजे प्रतिमा का विसर्जन कृत्रिम तालाब में किया गया।
दो पंक्चर होने के कारण विलंब से पहुंची प्रतिमा
जिस गाड़ी पर मां काली की प्रतिमा थी। उस गाड़ी का टायर दो बार पंक्चर हो गया। पंक्चर बनाने में समय लगने के कारण प्रतिमा कुछ देर से घाट पर पहुंची थी। विसर्जन शोभायात्रा में भारत माता की जय के नारे लगाए। विसर्जन शोभायात्रा के दौरान बूढ़ानाथ मोहल्ले में भाजपा नेताओं ने श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण किया। विजय मित्रा मंडल क्षेत्र में प्रदेश कार्यसमिति सदस्य पवन मिश्रा के नेतृत्व में यह आयोजन किया गया।
गंगटा पोखर में दो दर्जन प्रतिमाओं का विसर्जन
दो दर्जन से अधिक मां काली की प्रतिमा का विसर्जन गंगटा पोखर में किया गया। यहां मुर्तुजाचक, लोको, इशाकचक, जगतपुर, लालूचक अंगारी, समरसपुर आदि प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ। विषहरी पूजा समिति के कार्यकारी अध्यक्ष प्रदीप कुमार ने बताया कि सुबह 10 बजे से प्रतिमाओं की कतार लगनी शुरू हुई थी।
नर सेवा, नारायण सेवा ने स्टॉल लगाकर की सेवा
मां काली की प्रतिमा विसर्जन शोभायात्रा में रविवार को नर सेवा, नारायण सेवा के बैनर तले आदमपुर दुर्गा स्थान के सामने स्टॉल लगाकर चना, गुड़ एवं जल सेवा की गयी। मौके पर अध्यक्ष दिनेश मंडल, डॉ. गौरव जायसवाल, योगेंद्र चौधरी, अब्बन दा, रितेश यादव, क्रांति पाठक, प्रशांत कुमार आदि मौजूद थे।
स्वर्णकार काली की प्रतिमा की शोभायात्रा निकली
मुंदीचक स्थित स्वर्णकार काली प्रतिमा की विसर्जन शोभायात्रा रविवार को निकाली गयी। पूजा समिति के सचिव त्रिपुरारी कुमार वर्मा ने बताया कि शोभायात्रा मुंदीचक से शुरू हुई। इसके बाद पटल बाबू रोड, स्टेशन चौक, वेरायटी चौक, खलीफबाग चौक होते हुए रात बूढ़ानाथ घाट पहुंची। यहां विसर्जन किया गया।
कालीघाट, खलीफाबाग व कोतवाली में लगे मेले
विसर्जन कालीघाट के अलावा खलीफाबाग चौक, कोतवाली चौक, नया बाजार, बूढ़ानाथ चौक, आदमपुर आदि जगहों पर मेला लगा था। कोतवाली चौक पर चाट बेच रहे दिलीप राम चंद्रवंशी ने बताया कि इस बार मेला में अच्छी कमाई नहीं हुई। मेला में मां काली की प्रतिमाओं को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा था।
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