Uttar Pradesh

”डंडा लेकर बैठना संघ का काम”, मोहन भागवत ने कहा- संतो के कार्य में बाधा न आए इसलिए…

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख डॉ मोहन राव भागवत में कहा है कि यह विश्व हमारे ऋषि मुनियों को हुई सत्य की अनुभूति का परिणाम है, राष्ट्र की नींव में भी सनातन धर्म का वही मूल है जिसमे सभी को धारण करने की क्षमता है। आज देश मे धर्म – अधर्म की लड़ाई चल रही है, स्वार्थ का दैत्य भारत को दबाने की कोशिश में है लेकिन उनकी कोशिशें कभी सफल नहीं होंगी क्योंकि सत्य कभी दबता नहीं है।

संघ प्रमुख डॉ राव मोहन भागवत चित्रकूट में आयोजित मानस मर्मज्ञ बैकुंठवासी पंडित रामकिंकर उपाध्याय जन्म शताब्दी समारोह में बोल रहे थे। कार्यक्रम में राष्ट्रीय संत एवं मानस मर्मज्ञ मोरारी बापू समेत बड़ी संख्या में संत – महंत , कथावाचक एवं प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे, सर संघ चालक ने कहा कि अब अपने देश को ठीक करना है , धर्म – अधर्म की लड़ाई चल रही है। हम ईश्वर प्रदत्त अपना कर्तव्य अपना निभाएं ये अपेक्षा है यानी धर्म के पक्ष में खड़े हो जाएं। लेकिन ये होना है तो आचरण आना चाहिए, एक तरफ स्वार्थ का दैत्य उभरते भारत को दबाने का यानी सत्य को दबाने का प्रयास कर रहा है लेकिन वो कभी सफल नहीं होंगे क्योंकि सत्य कभी दबता नहीं है। हमारी हस्ती इसलिए भी नहीं मिटती क्योंकि उस हस्ती को हमारी ऋषि – सन्तो की परंपरा ,ईश्वर निष्ठों की मंडली का आशीर्वाद प्राप्त है।

‘सनातन धर्म दुनिया को प्रदान करना हिन्दू समाज’
संघ प्रमुख ने कहा कि सनातन धर्म दुनिया को प्रदान करना हिन्दू समाज और भारत का कर्तव्य है। भारत ,हिन्दू और सनातन धर्म एकाकार हैं। सनातन धर्म को जन जन के आचरण में लाना है, भोग के वातावरण में त्याग का संदेश देना है। हमारी सनातन काल से चली आ रही जो थाती है ,विभिन्न महापुरुषों ने अपने जीवन से जिसे जीवित रखा है,उसे पुनः जीवंत करते हुए उसे जन जन के आचरण में लाना है, उन्होंने कहा कि बाहर सुख नहीं मिलता जब ये पता चला तो हमारे ऋषि मुनियों को एक सत्य मिला जो सभी सुखों का निधान है। सत्य हमें यह बताता है कि हम सब एक की प्रतिछाया हैं, रंग रूप ,पूजा पद्धति में विविधता के बाद भी हम एक हैं। ऋषि मुनियों को लगा कि हमे जो शास्वत सत्य मिला वो सब को देना चाहिए तो बड़े परिश्रम के बाद राष्ट्र बना। हमारा राष्ट्र विश्व को धर्म देने के लिए बना। लेकिन धर्म ऐसे दिया नहीं जा सकता। धर्म की जानकारी से धर्म प्राप्त नहीं होता ,धर्म के आचरण से धर्म प्राप्त होता है।

महाभारत बताती है कि दुनिया कैसी है: मोहन भागवत
महाभारत यह बताती है कि दुनिया कैसी है और रामायण यह बताती है कि उस दुनिया में हमे कैसे रहना है, जो भगवान की इच्छा होती है वही होता है। वो बिना आवाज की लाठी है। भगवान की इच्छा है तो भारत का उत्थान हो रहा है। मंदिर भी अयोध्या में बना, बिना संसाधनों के संघ भी खड़ा हुआ। भगवान की भी इच्छा को पूरी करने के लिए पुरुषार्थी लोगों को शस्त्र धारण करने उतरना पड़ता है, समाज को तैयार होना होगा। बाकी ज्ञान की बातें बहुत हैं व्यापार ,खेल सब चल रहा है ,जीत हार चल रही है। देश को बड़ा बनाने,लोगों को खुशहाल रखना ,दुनिया को राहत देना, ये सब चल रहा है। लेकिन ये सब बाहर की बातें हैं। ये सब भौतिक साधन है, ये सब तो चाहिए लेकिन इस सब को धारण करने वाला राम चाहिए। अयोध्या में मंदिर तो बन गया लेकिन विश्व में कोई युद्ध न हो इसके लिये मन की अयोध्या चाहिए। ये तब होगा जब रामायण महाभारत की कथा के माध्यम से इसके मर्मज्ञ लोगों को इन कथाओं में छिपे जीवन दर्शन – रहस्य से परिचित करा कर उनके मन मे राम के प्रकाश को जगायेंगे।

कथा तो हम भी संघ में बहुत कहते हैं लेकिन…
संघप्रमुख ने रामकिंकर उपाध्याय के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने राम कथा को अपने जीवन – अपने आचरण में उतारा। धर्म को जी कर उन्होंने दिखाया। कैसे रामकथा इस धरा में प्रलय काल तक चिर अनंत काल तक रहने वाली है यह तो कहा जाता है लेकिन धर्म तत्व के गूढ़ रहस्यों से उन्होंने सब को परिचित कराया। ये तभी सम्भव हो सकता है जब 8 हजार साल पहले हुए राम के समय की परिस्थितियों की अनुभूति कर राम में तदरूप हो कर भगवान राम के किये कार्यो निहितार्थ बताने वाले लोग हों। कथा तो हम भी संघ में बहुत कहते हैं लेकिन ऐसे आचरण सम्पन्न ,धर्म सम्पन्न पुरुषार्थ सम्पन्न लोग जब ये बताते हैं तो उसके परिणाम मिलते हैं। भक्ति भाव से कथा श्रवण से लोगों को जीवन को और उन्नत करने वाला कोई तत्व मिलता है। जीवन परिवर्तन होता है। यह सब हम कर सकें तो यही रामकिंकर जी को सच्ची श्रद्धांजलि भी होगी, अपने उद्बोधन को समाप्त करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि चित्रकूट आकर इस कार्यक्रम में शामिल होने से मेरा भी उद्देश्य सफल हुआ,सन्तो का आशीर्वाद मिला,व्याख्यान सुनने को मिला। अच्छा भोजन करने के बाद थोड़ा सा कड़वा चूर्ण खाने से हाजमा ठीक होता है। मेरे वक्तव्य को उसी चूर्ण की तरह समझें।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Submit your Opinion

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

मत्स्य पालन और जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कार्यशाला आयोजित बिहार में बाढ़ राहत के लिए भारतीय वायु सेना ने संभाली कमान बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने रवाना हुए सीएम नीतीश पति की तारीफ सुन हसी नही रोक पाई पत्नी भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी