Uttar PradeshLucknow

‘उनका बुलडोजर अब गैराज में खड़ा होगा’, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अखिलेश यादव का आया रिएक्शन

उच्चतम न्यायालय ने‘बुल्डोजर न्याय’के खिलाफ बुधवार को सख्त फैसला सुनाया और देशव्यापी दिशा- निर्देश जारी करते हुए कहा बिना उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किये किसी अपराध के दोषी या आरोपी की संपत्ति के साथ तोड़-फोड़ करने वाले अधिकारी दंडित किए जाएंगे। इस फैसले के बाद अब राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। इसे लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए ही योगी सरकार जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अब उनका बुलडोजर गैराज में खड़ा हो जाएगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने सीसामऊ में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अब किसी का घर नहीं टूटेगा। सरकार के खिलाफ इससे ज्यादा टिप्पणी और क्या हो सकती है। हमें कोर्ट पर पूरा भरोसा है।

 बिना कानूनी प्रक्रिया का पालन किए नहीं चला सकते बुल्डोजर
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने आश्रय के अधिकार को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकार का एक पहलू बताते हुए कहा कि किसी अपराध के आरोपी या दोषी की रिहायशी या व्यावसायिक संपत्ति को कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना ध्वस्त नहीं किया जा सकता है। पीठ ने सरकारी अधिकारियों द्वारा इस तरह की मनमानी और अत्याचार पूर्ण कार्रवाई के खिलाफ विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि अधिकारियों द्वारा‘बुलडोजर कार्रवाई करना शक्ति के पृथक्करण के मूल सिद्धांत का उल्लंघन होगा, जिसके तहत न्यायपालिका को ऐसे मुद्दों पर निर्णय लेने का काम सौंपा गया है।

न्यायपालिका द्वारा दोषी ठहराए जाने तक आरोपी के निर्दोष होने का अनुमान
शीर्ष अदालत ने कहा कि नागरिकों के जीवन, स्वतंत्रता और संपत्ति को मनमाने ढंग से नहीं छीना जा सकता है। कानून-व्यवस्था बनाए रखना और नागरिकों की सुरक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है। अदालत ने दोषी ठहराए जाने तक आरोपी के निर्दोष होने के अनुमान के सिद्धांतों पर जोर देते हुए कहा कि दोषी को भी मनमाने तरीके से की गई किसी भी कार्रवाई के खिलाफ कानून के तहत संरक्षण दिया गया है। पीठ ने कहा, ‘महिलाओं, बच्चों और वृद्धों को इस तरह बेघर होते देखना सुखद दृश्य नहीं है।’

न्यायपालिका द्वारा किए जाने वाले कार्यों को अधिकारी अपने हाथ में नहीं ले सकते 
शीर्ष अदालत ने कहा कि अधिकारी न्यायपालिका द्वारा किए जाने वाले कार्यों को अपने हाथों में नहीं ले सकते और नागरिकों के मौलिक और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करते हुए कार्य नहीं कर सकते। अदालत ने कहा कि यदि कार्यपालिका किसी व्यक्ति को दोषी घोषित करना शुरू कर दे तो यह ‘पूरी तरह से असंवैधानिक’ होगा। ऐसे मामलों में अनधिकृत निर्माण हो सकते हैं, जिन पर समझौता किया जा सकता है। अदालत ने कहा कि किसी घर या व्यावसायिक संपत्ति को गिराने से पहले संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उनके पास कोई अन्य विकल्प उपलब्ध नहीं है। पीठ ने कहा कि घर का निर्माण परिवार के वर्षों के सपने, आकांक्षाओं और सामूहिक उम्मीद का परिणाम है।

ध्वस्तीकरण का आदेश 15 दिनों तक लागू नहीं किया जाएगा 
नागरिकों की आशंकाओं को दूर करने के लिए न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत निर्देश जारी किए कि पूर्ण न्याय करते हुए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने से पहले व्यक्ति को 15 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए, जिसमें अनधिकृत निर्माण की प्रकृति और सीमा का उल्लेख हो। न्यायालय ने सरकारी अधिकारियों द्वारा की जाने वाली ऐसी कार्रवाई का विवरण देने के लिए एक डिजिटल पोर्टल बनाने का भी निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि ध्वस्तीकरण आदेश 15 दिनों तक लागू नहीं किया जाएगा और सभी कार्यवाही की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए और उसे डिजिटल पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाना

 अदालत के आदेश का उल्लंघन करने पर अवमानना की होगी कार्यवाही 
पीठ ने स्पष्ट किया कि किसी भी अधिकारी द्वारा उसके (शीर्ष अदालत के) आदेश का उल्लंघन करने पर अवमानना ??कार्यवाही और अभियोजन अलग से चलाया जाएगा। ऐसे मामलों में संपत्ति की वापसी और नुकसान की भरपाई के लिए अधिकारी जिम्मेदार होंगे। शीर्ष अदालत ने संबंधित अधिकारियों के लिए परिपत्र जारी करने के लिए सभी उच्च न्यायालयों और राज्य सरकारों को अपना आदेश भेजने का निर्देश दिया। शीर्ष न्यायालय ने यह फैसला जमीयत उलमा ए हिंद और अन्य द्वारा दायर याचिका पर दिया, जिसमें सभी राज्य सरकारों द्वारा मनमानी कारर्वाई की वैधता पर सवाल उठाया गया था। हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि ये निर्देश सार्वजनिक भूमि, सड़कों, जल निकायों और रेलवे से सटी भूमि पर अनधिकृत निर्माणों पर लागू नहीं होंगे।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Submit your Opinion

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

मत्स्य पालन और जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कार्यशाला आयोजित बिहार में बाढ़ राहत के लिए भारतीय वायु सेना ने संभाली कमान बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने रवाना हुए सीएम नीतीश पति की तारीफ सुन हसी नही रोक पाई पत्नी भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी स्पैम कॉल : दूरसंचार कंपनियों ने 50 संस्थाओं को बैन किया, 2.75 लाख कनेक्शन काटे भागलपुर : युवक का अवैध हथियार लहराते फोटो वायरल भागलपुर में पार्षद नंदिकेश ने तुड़वाया वर्षों से बंद पड़े शौचालय का ताला ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से स्कूल परिसर में किया पौधारोपण CM नीतीश कुमार पहुंचे रोहतास