पेंशनभोगियों को 77 लाख से ज्यादा डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट हुए जारी: केंद्र सरकार
पेंशनभोगियों की जिंदगी आसान बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए अभियान के तहत अब तक 77 लाख डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (डीएलसी) जारी किए जा चुके हैं। यह जानकारी कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने सोमवार को दी। पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए ‘जीवन प्रमाण पत्र’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विज़न है। आपको बता दें कि पेंशन वितरित करने वाले बैंक, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग, रक्षा लेखा महानियंत्रक, रेल मंत्रालय, दूरसंचार विभाग, डाक विभाग, आईआईपीबी, यूआईडीएआई और पेंशनभोगी कल्याण संघ पेंशनभोगियों के सभी प्रमुख स्टेकहोल्डर डिजिटल सशक्तिकरण के विज़न को साकार करने के लिए पूरी सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
6 नवंबर को हुआ राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान 3.0 का शुभारंभ
आधिकारिक बयान में कहा गया कि डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (डीएलसी) अभियान 3.0 के तहत कवर किए गए 1,77,153 पेंशनभोगी 90 वर्ष से अधिक उम्र के हैं, जबकि 17,212 पेंशनभोगी 80-90 वर्ष के हैं। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने 6 नवंबरको राष्ट्रीय मीडिया केंद्र, नई दिल्ली में पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान 3.0 का शुभारंभ किया।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, चेहरे की पहचान जैसी उन्नत प्रमाणीकरण विधियों के जरिए 24 लाख डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जारी हुए, जो कुल उत्पन्न डीएलसी का 34 प्रतिशत है। वृद्ध पेंशनभोगियों को अपने घर से या नजदीक स्थित कार्यालयों या बैंक शाखाओं में डीएलसी जमा करने की सुविधा दी गई है।
पंजाब नेशनल बैंक ने इस अभियान का नेतृत्व किया है
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने इस अभियान का नेतृत्व किया है और करीब 9 लाख से ज्यादा डीएलसी अभियान शुरू होने के दूसरे हफ्ते के अंत तक जारी किए हैं। वहीं, केनरा बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने क्रमश: एक लाख और 57,000 डीएलसी जारी किए हैं।
राज्य-वार, महाराष्ट्र 10 लाख से अधिक डीएलसी तैयार करने के साथ सबसे आगे रहा है, इसके बाद तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल प्रत्येक में 6 लाख हैं। उत्तर प्रदेश ने भी 5 लाख से अधिक डीएलसी के साथ अच्छा प्रदर्शन किया है।
यह अभियान 1 से 30 नवंबर तक 800 शहरों और कस्बों में चलाया जा रहा है
आपको बता दें कि यह अभियान 1 से 30 नवंबर तक 800 शहरों और कस्बों में चलाया जा रहा है और इन दौरान 1575 शिविर लगाए गए। अभियान को लागू करने में मदद के लिए देश भर में 1.8 लाख डाकिये भी तैनात किए गए हैं।
जागरूकता पैदा करने के लिए किए जा रहे हैं सभी प्रयास
इस अभियान में, पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग सभी पेंशनभोगियों के बीच डीएलसी-फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए सभी प्रयास कर रहा है। इसके लिए कार्यालयों और सभी बैंक शाखाओं/एटीएम में बैनर/पोस्टर लगाए गए हैं। सभी बैंकों ने अपनी शाखाओं में समर्पित कर्मचारियों की एक टीम बनाई है, जिन्होंने अपने स्मार्ट फोन में वांछित ऐप डाउनलोड किए हैं। ये कर्मचारी पेंशनभोगियों द्वारा जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए इस तकनीक का बड़े पैमाने पर उपयोग कर रहे हैं। यदि पेंशनभोगी बुढ़ापे/बीमारी/कमजोरी के कारण शाखाओं में नहीं जा पाते हैं, तो बैंक अधिकारी उपरोक्त उद्देश्य के लिए उनके घर और अस्पताल भी जा रहे हैं।
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