स्मार्ट सिटी का इलेक्ट्रानिक टॉयलेट हुआ बेकार, ‘हल्के’ होने के लिए अंदर गए तो बाहर आना हो जाएगा ‘भारी’
भागलपुर जहां केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में शहर को स्मार्ट बनाने के लिए कई जिला का नाम लिस्ट में लिया गया था. जिसमें भागलपुर जिला का भी नाम शामिल किया गया था। स्मार्ट सिटी के लिए सरकार द्वारा करोड़ों रुपये दिए भी गए. पेपरों पर भागलपुर शहर स्मार्ट बनकर ओडीएफ भी घोषित हो गया है। अब शहर को ओडीएफ प्लस करने की तैयारी चल रही है।
स्मार्ट सिटी के अधिकारी और कर्मी दिन रात एक करके शहर को इतना स्मार्ट बनाया गया कि शहर का इलेक्ट्रॉनिक शौचालय का गेट तक नहीं खुलता है. यदि सौभाग्य से गेट खुल भी गया तो आप अंदर जाएंगे. तो आपको अंदर से बाहर आने में घंटों लग सकता है.
आप समझ सकते हैं कि सरकार द्वारा जनता की गाढ़ी कमाई को स्मार्ट अधिकारियों को तो दे दिया गया है. अब अधिकारी शहर को स्मार्ट प्लस करने की तैयारी में बड़े जोर शोर से लगे हुए हैं.
भागलपुर को स्मार्ट बनाने के लिए कई तरह की योजनाएं बनी एवं योजनाएं बनने के तुरंत बाद ही कई योजना धूमिल होती नजर आ रही है . बात हम कर रहे हैं भागलपुर में स्मार्ट सिटी के तहत इलेक्ट्रिक स्मार्ट टॉयलेट का भागलपुर शहर में लगभग एक दर्जन से ज्यादा इलेक्ट्रिक स्मार्ट टॉयलेट बनाया गया लेकिन कुछ टॉयलेट अभी तक चालू नहीं हो पाया तो कुछ चंद दिनों में ही खराब हो गया। हालांकि भागलपुर जिला ओडिएफ घोषित हो चुका है और अब स्मार्ट सिटी के अधिकारियों किस तरह ओडिएफ प्लस हो इसकी तैयारी कर रही है . लेकिन जब इलेक्ट्रिक स्मार्ट टॉयलेट ही खराब रहेगा तो स्वाभाविक है. लोग खुले में शौच करने के लिए मजबूर हो जाएंगे.
वहीं शहर के अधिकारियों द्वारा यहां तक कर दिया गया है. यदि खुले में शौच किए तो आपके जेब से 500 और यदि खुले में बाथरूम किए तो 100 रुपए जुर्माना लगाया जाएगा. आप शौचालय के अंदर से किन्हीं दूसरे लोगों को आवाज देकर बुलाकर ही आप बाहर निकल सकते हैं. इसके बावजूद भागलपुर शहर स्मार्ट नहीं हो पाया है.
अब देखना यह शेष रह जाएगा कि कब तक इलेक्ट्रिक स्मार्ट टॉयलेट को चालू कर दिया जाएगा एवं शहर ओडिएफ प्लस घोषित हो पाएगा.
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