भारत के प्रत्येक नागरिक को त्वरित और सुलभ न्याय उपलब्ध कराना मोदी सरकार की प्राथमिकता: केंद्रीय मंत्री अमित शाह
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को गुजरात के गांधीनगर में 50वें अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान सम्मेलन के स्वर्ण जयंती समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और और पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPR&D) के महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अनुसंधान और विकास को पुलिस स्टेशन से लेकर बीट कांस्टेबल तक पहुंचाने की आवश्यकता
अपने संबोधन में गृह मंत्री ने कहा कि अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस के बिना आज हमारी पुलिसिंग और सुरक्षा व्यवस्था को प्रासंगिक रखना संभव ही नहीं है। पुलिस विज्ञान कांग्रेस, अपराध के खिलाफ लड़ाई के हमारे पूरे तंत्र को प्रासंगिक रखने के लिए है। शाह ने कहा कि हमें नए सिरे से इसके स्वरूप, सहभागिता, इनपुट्स लेने की पद्धति, अनुसंधान और विकास को पुलिस स्टेशन से नीचे बीट कांस्टेबल तक पहुंचाने की व्यवस्था करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि इस पर समग्रता से पुन: विचार करने का समय आ गया है।
चुनौतियों को समझे बिना हमारी प्लानिंग कभी सफल नहीं हो सकती
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कोई भी पद्धति 50 साल तक चलती है तो वो कालबाह्य हो जाती है। उन्होंने कहा कि पिछले कई दशकों में देश, दुनिया, अपराध जगत और पुलिसिंग में बहुत सारे परिवर्तन आए हैं लेकिन क्या इनके अनुरूप पुलिस विज्ञान कांग्रेस का स्वरूप बदला है? उन्होंने कहा कि पुलिस विज्ञान कांग्रेस की कार्य पद्धति, उद्देश्य़ों और निर्णयों पर अमल में जो समयानुकूल परिवर्तन होना चाहिए, उसमें हम कहीं न कहीं पीछे हैं। शाह ने कहा कि आने वाले समय की चुनौतियों को समझे बिना हमारी प्लानिंग कभी सफल नहीं हो सकती।
भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की 11वें से पांचवें नंबर की अर्थव्यवस्था बन गई
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में पिछले 10 साल में भारत विश्व का हर क्षेत्र में नेतृत्व करने के लिए आगे बढ़ा है और इसके कारण हमारी चुनौतियां और बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की 11वें से पांचवे नंबर की अर्थव्यवस्था बन गई है और वर्ष 2028 से पहले हम विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत की आंतरिक सुरक्षा और आपराधिक न्याय प्रणाली में बहुत क्रांतिकारी बदलाव हुआ है।
भारत की आंतरिक सुरक्षा और आपराधिक न्याय प्रणाली में हुआ आमूलचूल परिवर्तन
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन के दौरान 8 सत्रों में नए आपराधिक कानून, फॉरेंसिक विज्ञान का उपय़ोग, आपदा प्रबंधन, ब्लॉक चेन तकनीक का उपयोग, साइबर धोखाधड़ी, स्मार्ट सिटी में पुलिसिंग, आदिवासी क्षेत्रों में सामुदायिक पुलिसिंग और जेलों में कट्टरवाद से निपटने के उपायों पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत की आंतरिक सुरक्षा और आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन हुआ है। अगले 10 साल में भारत का क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम दुनिया में सबसे आधुनिक, वैज्ञानिक और स्पीडी होगा।
प्रधानमंत्री मोदी के दस साल के कार्यकाल में हिंसा में आई कमी
उन्होंने कहा कि 3 नए आपराधिक कानूनों पर पूरी तरह अमल होने के बाद किसी भी मामले में सुप्रीम कोर्ट तक 3 साल में न्याय मिल जाएगा। अमित शाह ने कहा कि दशकों से कश्मीर, उत्तर पूर्व और नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र अशांत माने जाते थे लेकिन मोदी सरकार ने सुरक्षा स्थिति को सशक्त कर इन क्षेत्रों की स्थिति में बहुत सुधार किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में विगत 10 साल में हम इससे पहले के 10 साल की तुलना में हिंसा में लगभग 70 प्रतिशत की कमी लाने में सफल रहे हैं। शाह ने कहा कि मोदी सरकार के पिछले 10 साल में 35,000 करोड़ रुपये मूल्य के 5,45,000 किलोग्राम नार्कोटिक्स को ज़ब्त करने में सफलता प्राप्त हुई है जो इससे पहले के 10 वर्षों से 6 गुना ज़्यादा है। उन्होंने कहा कि इसका अर्थ है कि इन 10 साल में हमने ज़ब्ती की प्रक्रिया को साइंटिफिक तरीके से बदला है और इसमें सफलता भी हासिल की है।
ई-प्रिजन के तहत दो करोड़ से ज्यादा कैदियों का डाटा उपलब्ध
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों पर अमल की दिशा में सबसे पहले कम्प्यूटराइजेशन को पूरा किया गया। उन्होंने कहा कि देश के 100%, यानी, सभी 17,000 पुलिस स्टेशनों को कंप्यूटराइज्ड कर क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (CCTNS) के साथ जोड़ने का काम पूरा हो चुका है, 22000 अदालतों को ई- कोर्ट के साथ जोड़ा जा चुका है और ई-प्रिजन के तहत दो करोड़ से ज्यादा कैदियों का डाटा उपलब्ध है। ई- प्रॉसीक्यूशन से डेढ़ करोड़ से ज्यादा अभियोजन का डाटा उपलब्ध है और ई-फॉरेंसिक के माध्यम से 23 लाख से अधिक फॉरेंसिक रिज़ल्ट्स का डाटा भी उपलब्ध है।
1.6 करोड़ फिंगरप्रिंट रिकॉर्ड्स उपलब्ध
गृह मंत्री ने कहा कि नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (NAFIS) के तहत 1.6 करोड़ फिंगरप्रिंट रिकॉर्ड्स उपलब्ध हैं, इंटीग्रेटेड मॉनिटरिंग ऑफ टेररिज्म (IMOT) में विधि विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (UAPA) के अंतर्गत रजिस्टर्ड मामलों की मॉनिटरिंग के लिए 22000 आतंकवादी मामलों का डाटा भी उपलब्ध है। साथ ही नेशनल इंटीग्रेटेड डेटाबेस ऑन अरेस्टेड नार्को ऑफेंडर (NIDAAN) के तहत 7.6 लाख नार्को ऑफेंडर्स का डाटा भी हमारे पास उपलब्ध है। इसके अलावा नेशनल डेटाबेस ऑफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग ऑफेंडर्स (NDHTO) के तहत लगभग एक लाख मानव तस्करों का डाटा उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि क्राइम मल्टी एजेंसी सेंटर (Cri-MAC) में 16 लाख से अधिक अलर्ट्स जेनेरेट किए गए हैं।
नए कानूनों में तेज़ी से न्याय मिलने की व्यवस्था होगी
अमित शाह ने कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों को लाने से पहले ही मोदी सरकार ने कोर्ट, प्रॉसीक्यूशन, पुलिस, जेल और FSL को जोड़ने की पूरी व्यवस्था बना दी थी। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने 150 साल पहले अपनी सरकार बचाने के लिए कानून बनाए थे और उनके केंद्र में नागरिक नहीं थे। गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन नए आपराधिक कानूनों के केंद्र में देश के नागरिकों की सुरक्षा और संविधान प्रदत्त अधिकारों को सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि नए कानूनों में नवीनतम तकनीक को इस प्रकार से समाहित किया गया है कि आने वाले समय में तकनीक में बदलाव से कानून को बदलना नहीं पड़ेगा। नए कानूनों में तेज़ी से न्याय मिलने की व्यवस्था होगी। इन कानूनों में पुलिस को जवाबदेह और मज़बूत बनाने के लिए भी कई प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि भारत के प्रत्येक नागरिक को त्वरित और सुलभ न्याय उपलब्ध कराना मोदी सरकार की प्राथमिकता है।
AI का उपयोग सम्मिलित रूप से करें
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पुलिस विज्ञान कांग्रेस की जिम्मेदारी है कि वह अलग-अलग डेटा को AI का उपयोग कर सम्मिलित रूप से उपयोग योग्य बनाने की दिशा में प्रयास करे। उन्होंने कहा कि इस डेटा के उपयोग से जो परिणाम आएंगे उनका हमारी पुलिस व्यवस्था में विश्लेषण करने के लिए एक प्लेटफार्म बनाया जा सकता है। इस विश्लेषण के बाद अपराधों को रोकने के लिए जांच और त्वरित न्याय के लिए न्यायिक प्रणाली में बदलाव कर सकते हैं। शाह ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया का लाभ तभी होगा जब पुलिस विज्ञान कांग्रेस इस तरह के मुद्दों को चुनौती के रूप में स्वीकार करें। गृह मंत्री ने कहा कि इसके लिए बड़ी संख्या में हैकाथॉन आयोजित होनी चाहिए। साथ ही समस्याओं के निवारण के लिए AI एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर अलग-अलग एकत्रित डेटा की उपयोगिता को परिणामलक्षी और इससे प्राप्त विश्लेषण का व्यवस्था सुधारने में उपयोग किया जाना चाहिए।
दुनिया के सामने कई चुनौतियां हैं जिनका हल ढूंढने की जरूरत
अमित शाह ने कहा कि आने वाले दिनों में भारत सहित पूरी दुनिया के सामने कई चुनौतियां हैं जिनका भारत में हल ढूंढने के प्रयास किया जाना चाहिए। गृह मंत्री ने कहा कि 5 क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अपराध करने वालों से दो कदम आगे रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इनमें साइबर अपराध, तकनीक का उपयोग कर घुसपैठ को रोकना और सीमाओं की सुरक्षा करना, ड्रोन के अवैध उपयोग को रोकना, नारकोटिक्स की जांच और जागरूकता में आधुनिक टेक्नोलॉजी का अधिकतम उपयोग करना और डार्क नेट के दुरुपयोग की रोकथाम और इसका समाधान ढूंढना शामिल है। शाह ने कहा कि BPR&D और पुलिस विज्ञान कांग्रेस को इन 5 क्षेत्रों में शोध और अनुसंधान के क्षेत्र में क्षमतावान लोगों के साथ मिलकर आगे बढ़ना चाहिए।
समावेशी कार्य पद्धति अपनाने से पूरा देश बदल सकते हैं
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि कोर्ट, प्रॉसीक्यूशन, पुलिस, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) और स्टेट रिजर्व पुलिस को मिलाकर लगभग 10 करोड़ लोगों का एक संयुक्त परिवार है जो हमारे देश की आपराधिक न्यायिक व्यवस्था को सुदृढ़ करता है। उन्होंने कहा कि चर्चा और समावेशी कार्य पद्धति से कुछ लोग पूरा देश बदल सकते हैं। गृह मंत्री ने कहा कि BPR&D को पुलिस विज्ञान सम्मेलन के लिए अगले 10 साल का एक रोड मैप बनना चाहिए जिसमें वार्षिक समीक्षा, पंचवर्षीय समीक्षा और 5 साल बाद इसकी फिर से समीक्षा हो। उन्होंने कहा कि यह रोड मैप ऐसा होना चाहिए जिससे अगले 10 साल में हम अपने गंतव्य स्थान पर पहुंच जाएं, तभी BPR&D और पुलिस विज्ञान सम्मेलन को सफल माना जाएगा।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.