रोजगार बढ़ने से सितंबर में ईपीएफओ से 18.8 लाख सदस्य जुड़े
श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने इस साल सितंबर के दौरान 18.81 लाख सदस्यों को जोड़ा, जो पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 9.33 प्रतिशत अधिक है। ईपीएफओ में नए सदस्यों का जुड़ना रोजगार के अवसरों में वृद्धि और कर्मचारी लाभों के बारे में बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है, जिसे ईपीएफओ द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों से बल मिला है।
आंकड़ों से पता चलता है कि पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है और महिला श्रमिकों की संख्या में भी उछाल आया है। इस साल सितंबर में 9.47 लाख नए सदस्य संगठन से जुड़े हैं, जो पिछले साल सितंबर की तुलना में 6.22 प्रतिशत अधिक है।
बयान में कहा गया है कि नई सदस्यता में यह उछाल भारतीय अर्थव्यवस्था के संगठित क्षेत्र में बढ़ते रोजगार अवसरों के कारण है। सितंबर 2024 में जोड़े गए कुल नए सदस्यों में 18-25 आयु वर्ग 59.95 प्रतिशत के साथ सबसे आगे रहा। इसके अलावा, सितंबर 2024 के लिए 18-25 आयु वर्ग के लिए नेट पेरोल डेटा 8.36 लाख है, जो सितंबर 2023 के आंकड़ों की तुलना में 9.14 प्रतिशत अधिक है।
आंकड़े दर्शाते हैं कि संगठित वर्कफोर्स में शामिल होने वाले अधिकांश व्यक्ति युवा हैं, जो कि मुख्य रूप से पहली बार नौकरी करने वाले हैं। पेरोल डेटा से पता चलता है कि लगभग 14.10 लाख सदस्य ईपीएफओ से बाहर हो गए और बाद में फिर से शामिल हो गए। यह आंकड़ा सितंबर 2023 की तुलना में 18.19 प्रतिशत अधिक है।
इन सदस्यों ने अपनी नौकरी बदली और ईपीएफओ के दायरे में आने वाले प्रतिष्ठानों में फिर से शामिल हो गए और अंतिम निपटान के लिए आवेदन करने के बजाय अपनी राशि को ट्रांसफर करने का विकल्प चुना।
पेरोल डेटा से जानकारी मिलती है कि महीने के दौरान जोड़े गए नए सदस्यों में से 2.47 लाख नई महिला सदस्य हैं। यह आंकड़ा सितंबर 2023 की तुलना में 9.11 प्रतिशत अधिक है। साथ ही, महीने के दौरान शुद्ध महिला सदस्य जुड़ाव लगभग 3.70 लाख रहा। यह सितंबर 2023 की तुलना में 12.11 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
पेरोल डेटा के अनुसार, शीर्ष पांच राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से शुद्ध सदस्य वृद्धि का 59.86 प्रतिशत हिस्सा 11.26 लाख शुद्ध सदस्य जोड़ता है।
इस साल सितंबर में, महाराष्ट्र 21.20 प्रतिशत शुद्ध सदस्यों को जोड़कर सबसे आगे है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने व्यक्तिगत रूप से महीने के दौरान कुल शुद्ध सदस्यों का पांच प्रतिशत से अधिक जोड़ा।
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