भूमि सर्वे में 16 समस्याओं का समाधान…जमीन का मालिकाना हक के कागजात नहीं…दखल कब्जा है पर जमाबंदी कायम नहीं व रसीद नहीं कट रही
बिहार में भूमि सर्वेक्षण के दौरान रैयतों को 16 तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. अब सरकार ने उन समस्याओं के समाधान की कोशिश शुरू की है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 10 दिसंबर को बजाप्ता गाईडलाइन जारी किया है. विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने भूमि सर्वे में रैयतों के सामने आ रही समस्या को लेकर मार्गदर्शन दिया है.
भूमि पर दखल कब्जा है पर मालिकाना हक के कागजात नहीं हैं तो क्या करें…
भूमि सर्वे में एक बड़ी समस्या आ रही थी. रैयत का जमीन पर शांतिपूर्ण दखल कब्जा है, लेकिन उनके पास भूमि के स्वामित्व से संबंधित दस्तावेज नहीं हैं. स्वामित्व संबंधी साक्ष्य के नाम पर केवल लगान रसीद है. ऐसे में विशेष सर्वे में किस प्रकार से खाता खोला जाए. यह एक बड़ी समस्या साबित हो रही थी. इस संबंध में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने मार्गदर्शन दिया है . विभाग ने कहा है कि अगर रैयत के पास स्वामित्व का साक्ष्य नहीं है, केवल राजस्व रसीद है, तब विशेष सर्वेक्षण के खानापूरी प्रक्रम में याद्दाश्त पंजी संधारित करने के लिए तीन नियम में एक को अपनाना होगा.
मालिकाना हक के लिए तीन रास्ते..एक अपनाएं
पहला जमाबंदी कायम है, लगान रसीद कट रही है और भूखंडों पर शांतिपूर्ण दखल कब्जा हो . दूसरा ..भूखंड पर शांतिपूर्ण दखल कब्जा के संदर्भ में खेसरा के चौहद्दीदारों का बयान का एक ज्ञापांक प्रतिवेदन हो .तीसरा…उक्त खेसरा के चौहद्दीदारों में जमीन की बिक्री ,दान या निबंधन बंटवारा हुआ हो तो चौहद्दी में उक्त खेसरा के स्वामित्व वाले मलिक का नाम दर्ज हो. इन तीनों में से कोई एक विकल्प देने पर रैयत के नाम से खाता खोला जाएगा. विभाग ने स्पष्ट किया है कि, इसका परिणाम यह होगा कि वैसे रैयत जिनके स्वामित्व संबंधी साक्ष्य प्राकृतिक आपदा अथवा लंबी अवधि (50 वर्ष या अधिक) में रखरखाव में नष्ट हो गए हैं, उनके शांतिपूर्ण दखल या न्यूनतम साक्ष्य एवं सरकार के पास उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर स्वामित्व का निर्धारण किया जाएगा .
दखल कब्जा है पर जमाबंदी कायम नहीं और रसीद भी नहीं कट रही, तब क्या करें…
राजस्व विभाग ने सर्वे के दौरान आ रही दूसरी महत्वपूर्ण समस्या के समाधान करने की कोशिश की है. अगर रैयत का रैयत्ती खेसरा पर दखल कब्जा है, लेकिन ना तो जमाबंदी कायम है और ना ही रसीद कट रही है तो किस प्रकार खाता खोला जाएगा ? राजस्व विभाग ने इस संबंध में भी मार्गदर्शन दिया है. राजस्व विभाग की तरफ से कहा गया है कि रैयत का भूखंड पर दखल कब्जा है लेकिन ना तो जमाबंदी कायम है और नहीं रसीद कट रही है, तब अनाबाद बिहार सरकार के नाम से खाता खोला जाएगा. अभियुक्ति कॉलम में अवैध दखलकर का नाम दर्ज होगा. खेसरा पंजी के कॉलम 10 से 24 तक तकनीकी मार्गदर्शिका में वर्णित प्रावधान के अनुसार दर्ज होंगे. विभाग ने स्पष्ट किया है कि इसका परिणाम होगा कि रैयती भूमि पर यदि कोई व्यक्ति बिना किसी साक्ष्य के दखल में है तो स्वामित्व की स्थिति स्पष्ट की जा सकेगी.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की तरफ से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है. भूमि सर्वे से संबंधित 16 समस्याओं के समाधान की कोशिश की गई है . अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इस संबंध में 16 समस्याओं को लेकर मार्गदर्शन दिया है.
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.