प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यावरणविद् और पद्म पुरस्कार विजेता तुलसी गौड़ा के निधन पर किया शोक व्यक्त
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मंगलवार को कर्नाटक की प्रतिष्ठित पर्यावरणविद् एवं पद्म पुरस्कार विजेता तुलसी गौड़ा के निधन पर शोक व्यक्त किया। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि वह पर्यावरण संरक्षण के लिए एक मार्गदर्शक बनी रहेंगी। उनका काम हमारी धरती की रक्षा के लिए पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। कर्नाटक की आदिवासी महिला तुलसी गौड़ा को पर्यावरण की सुरक्षा में उनके योगदान के लिए 2021 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा
प्रधानमंत्री मोदी ने तुलसी गौड़ा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “कर्नाटक की प्रतिष्ठित पर्यावरणविद् और पद्म पुरस्कार विजेता तुलसी गौड़ा जी के निधन से अत्यंत दुःख हुआ। उन्होंने अपना जीवन प्रकृति के पोषण, हज़ारों पौधे लगाने और हमारे पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए समर्पित कर दिया। वे पर्यावरण संरक्षण के लिए एक मार्गदर्शक बनी रहेंगी। उनका काम हमारी धरती की रक्षा के लिए पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ओम शांति।”
‘जंगल की इनसाइक्लोपीडिया’ थी तुलसी गौड़ा
आपको बता दें, 86 वर्षीय तुलसी गौड़ा वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों से पीड़ित थीं और सोमवार को उत्तर कन्नड़ जिले के अंकोल तालुक स्थित उनके गृह गांव हंनाली में उनका निधन हो गया था। तुलसी गौड़ा का उनके वृक्षों के प्रति अद्भुत प्रेम और समर्पण था जिसके चलते उनको “वृक्ष माता” के रूप में जाना जाता था। वह हलक्की स्वदेशी जनजाति से हैं। उन्होंने कभी औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की, और फिर भी, उन्हें ‘जंगल की इनसाइक्लोपीडिया’ के रूप में भी जाना जाता है क्योकि उन्हें पौधों और जड़ी-बूटियों की विभिन्न प्रजातियों के बारे में गहरा ज्ञान था। उन्होंने जीवन भर पर्यावरण संरक्षण और पेड़-पौधों की देखभाल की।
30,000 से अधिक पौधे लगाए
तुलसी गौड़ा 74 साल की उम्र में भी, पर्यावरण संरक्षण के महत्व को बढ़ावा देने के लिए युवा पीढ़ी के साथ अपने विशाल ज्ञान को साझा करती थी। उन्होंने छह दशकों से अधिक समय तक पर्यावरण के लिए काम किया है और 30,000 से अधिक पौधे लगाए।
2021 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया
उनकी असाधारण मेहनत और समर्पण को देखते हुए उन्हें 2021 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के समक्ष जड़ी-बूटियों और पौधों के संरक्षण में उनकी उल्लेखनीय भूमिका को पहचानते हुए उन्हें यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया गया था।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.