जीएसटी काउंसिल में फोर्टिफाइड राइस पर GST को घटाकर 5 फीसदी और जीन थेरेपी को किया गया टैक्स से बाहर
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज शनिवार को GST काउंसिल की 55वीं बैठक आयोजित हुई। काउंसिल ने फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (FRK) पर GST की दर घटाकर 5% करने की सिफारिश की। वहीं जीन थेरेपी और थर्ड-पार्टी मोटर व्हीकल इंश्योरेंस प्रीमियम से मोटर व्हीकल एक्सीडेंट फंड में योगदान को GST से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है। साथ ही, यह स्पष्ट किया गया कि वाउचर से जुड़े लेनदेन पर GST नहीं लगेगा क्योंकि इन्हें न तो वस्तु माना गया है और न ही सेवा। वाउचरों से जुड़े नियमों को और आसान बनाने की योजना भी बनाई गई है। इस बैठक में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों समेत वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
वहीं बैंकिंग को सरल बनाने के लिए, काउंसिल ने फैसला लिया कि लोन की शर्तों का पालन न करने पर बैंक और NBFC द्वारा लगाए गए दंडात्मक शुल्क पर GST नहीं लगेगा। इसके अलावा, केवल जुर्माने से संबंधित अपीलों के लिए जमा राशि को 25% से घटाकर 10% कर दिया गया है।
कुछ वस्तुओं और सरकारी कल्याणकारी योजनाओं में उपयोग होने वाले सामानों पर टैक्स छूट को बढ़ा दिया गया है। उदाहरण के लिए, सरकारी कार्यक्रमों में मुफ्त वितरण के लिए उपयोग किए जाने वाले खाद्य सामग्री पर 5% की रियायती GST दर जारी रहेगी। पॉपकॉर्न और काली मिर्च जैसे उत्पादों पर टैक्स वर्गीकरण को लेकर चल रहे विवादों को भी सुलझा लिया गया है।
वहीं टैक्स अनुपालन को सुधारने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इनमें कुछ सामानों पर टैक्स चोरी रोकने के लिए ‘ट्रैक और ट्रेस’ प्रणाली लागू करना और बिना पंजीकरण वाले ग्राहकों को ऑनलाइन सेवाएं देते समय राज्य का सही विवरण दर्ज करना अनिवार्य करना शामिल है। इसके अलावा, CGST अधिनियम और नियमों में संशोधन का प्रस्ताव रखा गया है ताकि इनपुट टैक्स क्रेडिट को सुधारने, प्रक्रियाओं को स्पष्ट करने और वाउचरों और सुलह विवरणों से जुड़े मुद्दों को सुलझाया जा सके। इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर से संबंधित प्रावधानों को संशोधित करने और बिना पंजीकृत संस्थाओं के लिए अस्थायी पहचान संख्या प्रदान करने पर सहमति बनी है।
काउंसिल ने प्रक्रियागत सुधारों पर भी जोर दिया, जैसे होटल के रेस्टोरेंट सेवाओं पर GST दर को पिछले वर्ष की सप्लाई वैल्यू से जोड़ना, जिसे 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा। इसके अलावा, GST अपीलीय न्यायाधिकरण (GSTAT) को सक्रिय करने और IGST निपटान के मुद्दों को हल करने पर चर्चा की गई।
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