बिहार के मुख्य पोस्टमास्टर जनरल अनिल कुमार द्वारा पटना जीपीओ में नवीनीकृत फिलैटेली ब्यूरो एवं म्यूजियम का लोकार्पण
पटना: पटना जीपीओ में एक विशेष और गौरवपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहाँ माननीय चीफ पोस्टमास्टर जनरल, श्री अनिल कुमार जी ने फिलैटेली ब्यूरो और फिलैटेली म्यूजियम का भव्य उद्घाटन किया। इस शुभ अवसर पर डाक टिकट संग्रहकर्ताओं, डाक विभाग के उच्च अधिकारियों, और गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा और बढ़ा दी। फिलैटेली ब्यूरो और म्यूजियम की स्थापना का मुख्य उद्देश्य डाक टिकटों के माध्यम से भारत के गौरवशाली और समृद्ध इतिहास, संस्कृति और विरासत को आम जनता तक पहुँचाना और प्रदर्शित करना है। यह अनूठा संग्रहालय विभिन्न कालों के डाक टिकटों का एक अद्भुत संग्रह प्रस्तुत करता है, जो भारत की कला, संस्कृति, स्वतंत्रता संग्राम, और विकास यात्रा को दर्शाते हैं।
यह संग्रहालय एक तरह की समय यात्रा है जहाँ आगंतुक डाक टिकटों के माध्यम से भारत के अतीत की झलक देख सकते हैं। यहाँ प्रदर्शित टिकटें हमें बताती हैं कि कैसे हमारा देश समय के साथ बदला है, कैसे हमने अपनी स्वतंत्रता हासिल की, और कैसे हमने विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति की है। यह संग्रहालय न केवल डाक टिकट संग्रहकर्ताओं के लिए बल्कि इतिहास, कला और संस्कृति में रुचि रखने वाले सभी लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र होगा।
यह पहल निश्चित रूप से डाक टिकट संग्रह को बढ़ावा देगी और युवा पीढ़ी को देश की समृद्ध विरासत से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उद्घाटन समारोह के दौरान, श्री अनिल कुमार जी ने अपने संबोधन में कहा कि डाक टिकटें केवल डाक प्रणाली का एक हिस्सा नहीं हैं, बल्कि वे हमारे राष्ट्र के इतिहास और संस्कृति के जीवंत दस्तावेज हैं जो हमें अपनी विरासत पर गर्व करने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कहा कि ये टिकटें हमें अपने देश के अतीत की याद दिलाती हैं और हमें भविष्य के लिए प्रेरित करती हैं।
श्री कुमार ने आगे कहा कि फिलैटेली सिर्फ एक शौक नहीं है, बल्कि यह ज्ञान और जानकारी का एक अथाह सागर है जो हमें विभिन्न संस्कृतियों, ऐतिहासिक घटनाओं और वैज्ञानिक उपलब्धियों से रूबरू कराता है। उन्होंने कहा कि फिलैटेली हमें दुनिया भर के देशों, उनके लोगों, रीति-रिवाजों और परंपराओं के बारे में जानने का अवसर प्रदान करता है। यह एक ऐसा शौक है जो हमें दुनिया के प्रति अधिक जागरूक और संवेदनशील बनाता है।
इस अवसर पर उन्होंने फिलैटेली को बढ़ावा देने और युवा पीढ़ी को इससे जोड़ने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी कीं। उन्होंने कहा कि जल्द ही स्कूलों और कॉलेजों में फिलैटेली क्लब स्थापित किए जाएंगे ताकि युवाओं को डाक टिकट संग्रह के प्रति जागरूक किया जा सके। इन क्लबों के माध्यम से, छात्रों को डाक टिकटों के बारे में जानकारी दी जाएगी, उन्हें टिकट संग्रह करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, और उन्हें फिलैटेली से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने का अवसर प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि फिलैटेली को बढ़ावा देने के लिए डाक विभाग द्वारा समय-समय पर प्रदर्शनियों, कार्यशालाओं और प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाएगा। इन आयोजनों के माध्यम से, लोगों को अपने संग्रह को प्रदर्शित करने, नए टिकटों के बारे में जानने, और विशेषज्ञों से बातचीत करने का मौका मिलेगा। इससे फिलैटेली के प्रति लोगों की रुचि बढ़ेगी और यह शौक और भी लोकप्रिय होगा। नि:संदेह डाक विभाग कि यह पहल आमजनों को टिकटों कि रंगारंग दुनिया के माध्यम से भारत एवं विश्व के अतीत के प्रति जागरूक करेगी।
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