मंत्री प्रेम कुमार की अध्यक्षता में जैविक उद्यान के निर्माण के संबंध में समीक्षा, पदाधिकारियों को समिति बनाने का निर्देश
पटनाः पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ. प्रेम कुमार की अध्यक्षता में अरण्य भवन स्थित कार्यालय कक्ष में जैविक उद्यान के निर्माण के सम्बन्ध में समीक्षा की गई। उक्त बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (HoFF), बिहार / प्रधान मुख्य वन संरक्षक (कैम्पा ) – सह – नोडल पदाधिकारी (वन संरक्षण), बिहार / अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक-सह-निदेशक, हरियाली मिशन, बिहार / निदेशक, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण, पटना / मुख्य वन संरक्षक, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन एवं आर्द्र भूमि, बिहार / वन संरक्षक, वन्यप्राणी अंचल, पटना / निदेशक, संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना/संयुक्त सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार शामिल हुए।
- पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ. प्रेम कुमार द्वारा तमिलनाडु राज्य का भ्रमण किया गया। उनके द्वारा भ्रमण के उपरान्त बताया गया कि तमिलनाडु राज्य की आबादी मात्र 08 करोड़ है एवं वहां पर 04 जैविक उद्यान अवस्थित है, जबकि बिहार में मात्र 02 जैविक उद्यान यथा संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना एवं राजगीर जू सफारी है। अबादी के अनुरूप राज्य में 02 जैविक उद्यान का निर्माण कराना आवश्यक है। इसी क्रम में जैविक उद्यान में जैविक उद्यान निर्माण के लिए उनके द्वारा विभागीय पदाधिकारियों को समिति बनाने का दिशा-निर्देश दिया गया।
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उनके द्वारा यह भी बताया गया कि जैविक उद्यान बनाने हेतु आवश्यक भूमि की तलाश की जाए। 01 जैविक उद्यान उत्तर बिहार में 01 जैविक उद्यान दक्षिण बिहार में होना चाहिए।
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संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना का वर्तमान क्षेत्रफल लगभग 153 एकड़ है, जिसमें लगभग 94 प्रजातियों के वन्यप्राणी तथा अनेको प्रकार की वृक्ष प्रजातियां उपलब्ध है।
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बिहार के पहले जू सफारी का निर्माण राजगीर (नालंदा) में 191.12 हेक्टेयर क्षेत्र में कुल 176.18 करोड़ की लागत से किया गया है। 4.79 करोड़ की लागत से Bird Aviary का निर्माण किया गया है, साथ ही 2.72 करोड़ की लागत से सुविधाओं का विस्तार किया गया है। अब तक 09 लाख से अधिक पर्यटकों द्वारा सफारी का भ्रमण किया गया है।
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राजगीर में वर्ष 2021 में स्थापित नेचर सफारी में प्रतिवर्ष लगभग 5 लाख से अधिक पर्यटक आते हैं।
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विभाग के द्वारा जैव विविधता संरक्षण के दृष्टिकोण से अलग-अलग क्षेत्रों में जैव विविधता पार्क का निर्माण किया जा रहा है। गया, जमुई, अररिया में जैव विविधता पार्क का निर्माण किया गया है। गोपालगंज के थावे, बांका के मंदार, सुपौल के वीरपुर में जैव विविधता पार्क के निर्माण का कार्य चल रहा है।
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वर्ष 2024-25 में औरंगाबाद में जैव विविधता पार्क का निर्माण किया गया है। नवादा में ककोलत जल प्रपात में जन सुविधाओं का विकास एवं पार्क का निर्माण किया गया है। नगर विकास विभाग के द्वारा 224 पाकों का हस्तांतरण पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को किया गया है। इन्हें विकसित कर संचालन का कार्य किया जा रहा है।
मंत्री द्वारा बताया गया कि आने वाले समय में राज्य को 02 नया जैविक उद्यान मिल सकेगा, इसके लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार के पदाधिकारियों को निदेश दिया गया है कि यथाशीघ्र जैविक उद्यान तैयार करने हेतु समिति का गठन कर लिया जाए एवं आवश्यकतानुसार भूमि का चयन किया जाए, जिससे राज्य के लोगों को वन्यजीव / वन्यप्राणियों एवं वनस्पतियों के सम्बन्ध में जानकारी एवं स्वस्थ वातावरण का लाभ मिल सके।
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