आदित्य-एल1 आज पूरी करेगा कक्षा बदलने की प्रक्रिया, ऐसे पूरा होगा पहला चरण
इसरो ने अपना पहला सूर्य मिशन आदित्य एल-1 शनिवार को लॉन्च कर दिया. आदित्य-एल1 पृथ्वी से 15 करोड़ किलोमीटर दूर एल1 पॉइंट पर स्थिपित होकर सूर्य के रहस्यों से पर्दा हटाएगा. लेकिन इनती दूरी पूरी करने कि लिए आदित्य-एल1 को कई चरणों से होकर गुजरना होगा. जिसका पहला चरण आज यानी रविवार को पूरा किया जाएगा. पहले चरण में आदित्य-एल1 अपनी कक्षा बदलेगा. जिसके लिए इसरो रविवार सुबह करीब 11.45 बजे पहली बार अर्थ बाउंड फायरिंग करेगा. इसके बाद आदित्य-एल1 आगे बढ़ जाएगा.
PSLV C57 लॉन्च व्हीकल से की गई आदित्य-एल1 की लॉन्चिंग
बता दें कि शनिवार को सुबह 11.50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से आदित्य एल-1 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया. जिसे पीएसएलवी सी57 लॉन्च व्हीकल से अंतरिक्ष में छोड़ा गया. सूर्य मिशन आदित्य-एल1 भी चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की तरह पहले पृथ्वी की परिक्रमा करेगा. उसके बाद ये सूरज की ओर उड़ान भरेगा.
16 दिनों तक पृथ्वी की कक्षा में रहेगा आदित्य एल-1
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के मुताबिक, सूर्य मिशन आदित्य-एल1 ने लॉन्चिंग के कुछ घंटों बाद ही पावर जेनरेट (बिजली बनाना) करना शुरू कर दिया था. इसके बाद आज (रविवार) अर्थ बाउंड मैनुवर्स की मदद से फायरिंग की जाएगी. जिससे आदित्य-एल1 अपनी कक्षा बदलकर अगली कक्षा में प्रवेश कर जाएगा. आदित्य-एल1 पृथ्वी की कक्षा में 16 दिन बिताएगा. इस दौरान आदित्य-एल1 की पांच बार कक्षा बदली जाएगी. जिसके लिए हर बार अर्थ बाउंड फायरिंग करने होगी.
110 दिन की यात्रा पूरी कर लैग्रेंजियन पॉइंट पर पहुंचेगा आदित्य-एल1
इसरो के मुताबिक, आदित्य-एल1 110 दिन की यात्रा पूरी करने के बाद लैग्रेजियन-1 पॉइंट पर पहुंचेगा. वहां पहुंचने के बाद आदित्य-एल1 में एक और मैनुवर किया जाएगा, जिसकी मदद से आदित्य-एल1 को एल1 पॉइंट के हेलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा. जहां से वह सूरज की स्टडी करेगा. बता दें कि लैग्रेंजियन पॉइंट सूरज की दिशा में पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर है. आदित्य एल1 में सात पेलोड लगे हुए हैं. जो सूरज का विस्तृत अध्ययन करेंगे. इनमें से चार पेलोड सूरज की रोशनी का अध्ययन करेंगे. जबकि अन्य तीन सूरज के प्लाजमा और चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करेंगे. इस साल इसरो का ये दूसरा सबसे बड़ा मिशन है. इससे पहले इसरो ने चंद्रयान-3 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंड कराकर इतिहास रच दिया. अब आदित्य-एल1 भी इस कड़ी में आगे बढ़ता जा रहा है.
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