पश्चिम बंगाल विधानसभा में ‘बांग्ला दिवस’ की तारीख को बदलने का फैसला लिया गया है। पहले हर साल 20 जून को पश्चिम बंगाल दिवस मनाया जाता था मगर अब इसे बदल दिया गया है। अब से हर साल पोइला बोइशाख यानी बंगाली नव वर्ष के दिन ही पश्चिम बंगाल दिवस मनाया जाएगा।
ममता बनर्जी ने किया ट्वीट
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट करत हुए इसकी जानकारी दी। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि पश्चिम बंगाल विधान सभा ने एक प्रस्ताव पारित किया है और ‘बांग्ला दिवस’ पर सर्वसम्मति से सहमति व्यक्त की है। अब से, पोइला बोइशाख, बंगाली नव वर्ष का शुभ दिन, हमारा स्थापना दिवस होगा, जो हमारी समृद्ध विरासत और जीवंत संस्कृति का प्रतीक है।
उन्होंने आगे लिखा, इसके साथ ही कोबीगुरु रवीन्द्रनाथ टौगोर द्वारा लिखित ‘बांग्लार माटी, बांग्लार जॉल’ हमारा नया राज्य गान बन जाएगा। यह हम सभी के लिए बहुत गर्व का दिन है।
विधानसभा में ममता बनर्जी ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में राज्य दिवस के लिए पोइला बैसाख के दिन का समर्थन करते हुए कहा कि इस पर राज्यपाल मंजूरी दे या फिर ना दें, मगर इसी दिन राज्य दिवस मनाया जाएगा। आपको बता दें कि विधानसभा में 294 सदस्यों में से 167 सदस्यों ने इसके समर्थन में अपना मत दिया।
हालांकि भाजपा के 62 विधायकों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। भाजपा 20 जून को ही राज्य दिवस मनाने के पक्ष में हैं। क्योंकि उसी दिन पश्चिम बंगाल विधानसभा ने विभाजन के समर्थन में मतदान किया था।
मुख्यमंत्री ने क्यों 20 जून का किया विरोध?
विधानसभा में अपनी बात रखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य के लोग 20 जून को राज्य दिवस मनाए जाने के पक्ष में नहीं है। क्योंकि वह दिन राज्य में हिंसा की याद दिलाता है। इसके साथ 20 जून को राज्य दिवस की नहीं बल्कि विभाजन को दर्शाता है।
उन्होंने पिछले सप्ताह कहा था कि, केंद्र सरकार द्वारा 20 जून को राज्य दिवस के रूप में मनाने का फैसला गलत था।
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