भागलपुर. यह दुर्गा पूजा खास है क्योंकि इस बार बुनकरों की चांदी होने वाली है. भागलपुर को साड़ी मैन्युफैक्चरिंग का हब माना जाता है. भागलपुर सिल्क सिटी के नाम से जाना जाता है. बड़े पैमाने पर सिल्क का व्यापार भी होता है. खासकर भागलपुर का जगदीशपुर, चंपानगर व बेजानी बुनकरों का क्षेत्र माना जाता है. बड़े पैमाने पर यहां बुनकर है और इसका मुख्य व्यापार कपड़ों से जुड़ा होता है. आपको बता दें कि यहां से सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी निर्यात होता है. दुर्गा पूजा नजदीक है और इसको लेकर बुनकरों को देश के अलग-अलग राज्यों से सिल्क के कपड़ों का आर्डर मिला है. खासकर यहां के तसर सिल्क की डिमांड काफी है।

साल के हर दिन मने दुर्गा पूजा

बुनकर संघ के अध्यक्ष इबरार अंसारी ने बताया कि अभी अलग-अलग राज्यों से करीब 50 लाख रुपये से अधिक के कपड़ों का डिमांड भागलपुर के बुनकरों को मिला है. बुनकरों में खुशी की लहर है. उन्होंने बताया कि इसी तरह पर्व त्योहार आते रहे जिससे बुनकरों को बढ़ावा मिलता रहेगा. बिहार, कलकत्ता, यूपी, दिल्ली, गुजरात, केरल सहित अन्य राज्य से साड़ी का ऑर्डर मिला है।

उन्होंने आगे कहा कि अगर साल में सभी दिन दुर्गा पूजा और आने पर मानी तो बुनकरों की तो चांदी ही चांदी हो जाएगी. इतने बड़े पैमाने पर ऑर्डर मिलने से सभी कारीगर काफी खुश हैं।

तसर सिल्क के साड़ियों की अधिक है डिमांड

इबरार अंसारी ने बताया की तसर सिल्क का डिमांड काफी है. ये सिल्क फैशन और हल्का होता है. इसमें काफी अच्छी डिजाइन होती है. उन्होंने बताया कि इस बार सिल्क साड़ियों पर मंजूषा व मधुबनी पेंटिंग की हुई साड़ियों की काफी डिमांड हो रही है. इसको बनाने में बुनकर लग गए हैं. नए नए डिजाइन की साड़ियां बनाई जा रही है. रेंज 4500 से 25 हजार तक है।

सिल्क महंगा हो रहा है

उन्होंने बताया कि सिल्क की साड़ियां अब महंगी हो गई है. इसके साथ ही इसका रख-रखाव अच्छे तरीके से होना चाहिए. सब इसको अब नहीं पहनते हैं. इसलिए यहां पर अब कॉटन भी तैयार की जा रही है।


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Adblock Detected!

Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please consider supporting us by whitelisting our website.