महिला आरक्षण बिल पर संसद के विशेष सत्र में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह केंद्र सरकार पर जमकर बरसे. ललन सिंह ने कहा कि यह 2024 का चुनावी जुमला है. केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि यह इस बार महिलाओं को छलने का काम करना चाहते हैं. दो करोड़ रोजगार का वादा करके 2014 में देश के बेरोजगारों को छलने का काम किया. 2014 में इन्होंने इस देश के गरीबों को छला. कहा काला धन लाएंगे, सबके खाते में 15 लाख 20 लाख पहुंचाएंगे।

जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि इस बार ये महिलाओं को छल रहे हैं. इनकी मंशा सही नहीं है. अगर मंशा सही होती तो 2021 में जातीय आधारित जनगणना शुरू कराया होता. इस देश की आवश्यकता है इसकी. आपने अगर कराया होता तो आज ये पूरा हो चुका होता. आज महिला आरक्षण बिल की जरूरत नहीं होती. देश की जनता जान गई है कि आप भारी जुमलेबाज हैं।

इस दौरान अपनी बात कहते हुए ललन सिंह ने अपनी सरकार की उपलब्धि गिनाई. कहने लगे- “बिहार से सीखो यार, अभी बता रहे हैं. बिहार पहला राज्य है जब 2005 में सरकार बनी तो 2006 में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया. 2015 में महागठबंधन की सरकार बनी तो 2016 में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया. आपकी तरह 4.5 साल इंतजार नहीं किए. पटना, मुंबई बेंगलुरु में बैठक हुई तो आपकी घबराहट शुरू हो गई।

ललन सिंह ने कहा कि इस सरकार को महिला सशक्तिकरण से मतलब नहीं है. इस सरकार को कुर्सी से मतलब है. कुर्सी को बचाने के लिए ये कोई भी जुमलेबाजी कर सकते हैं. आप आज सदन में एलान करिए कि देश में जातीय आधारित गणना कराएंगे. ये आप नहीं कर सकते हैं. मोहन भागवत ने क्या कहा था कि आरक्षण पर तुरंत विचार होना चाहिए. आरक्षण आपकी कृपा से नहीं है. संविधान के प्रावधान के अनुसार है. आज आपने महिला आरक्षण बिल लाया तो इसमें भी अति पिछड़ों को पिछड़ों को आरक्षण दिया जाना चाहिए।


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