Viral NewsSuccess Story

MBBS डॉक्टर बनने के लिए यमुना ने किया ईंटा भट्ठा पर 3 साल तक काम, नीट पास कर लहराया परचम

ईंट से नीट तक का सफर, धूप में तपकर बनी सोना, डॉक्टर बनकर परिवार का बढ़ाएगी मान : मेरा नाम यमुना है. मैं बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना देखा करती थी. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण मैंने कई सालों तक ईटा भट्ठा पर काम किया है. मैं पिछले 3 साल से नहीं परीक्षा दे रही हूं जिसमें इस बार अच्छे अंक से सफल हो पाई हूं. मैं एक सफल डॉक्टर बनना चाहती हूं और गरीब लोगों की मदद करना चाहती हूं. आइए जानते हैं यमुना की कहानी….

ग्रामीण क्षेत्र की एक बेटी ने सारी सुख सुविधाओं से दूर बगैर कोचिंग किए नीट NEET के परीक्षा पास की है और जिले के साथ प्रदेश का नाम रोशन किया है. यमुना को नीट में 720 में 516 मिले हैं।

यमुना की ऑल इंडिया रैंकिंग 93,683 और ओबीसी रैंकिंग 42684 रही है. आसमान जब आग उगलता है तो उसी समय गर्म भट्ठे में तपकर एक एक ईंट तैयार की जाती है. सूर्य की इस तपिश के बीच यमुना के हौसले भी बुलंद होते चले गए और उसने डॉक्टर बनने का सपना मन ही मन तय कर लिया. परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण यमुना एक ओर ईंट बनाकर अपने परिवार की मदद करती थी तो दूसरी ओर जब भी वक्त मिलता वो बगैर किसी सुख सुविधाओं के बैठकर नीट की पढ़ाई करने लगती थी।

परिवार की परिस्थितियां लगातार बदलते रही. मौसम भी बदलते रही लेकिन यमुना का लक्ष्य नही बदला. भले ही परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नही थी लेकिन पढ़ाई कर मुकाम हासिल करने के उसके जो मजबूत इरादे थे वह चट्टान की तरह डटी रही जिसका नतीजा ये रहा कि उसने नीट क्वालीफाई कर न सिर्फ दुर्ग जिला बल्कि प्रदेश का मान बढ़ाया है. यमुना बताती है कि उनके पिता का छोटे से ईंट भट्ठे का काम है, क्योंकि आर्थिक स्तिथि ठीक नही है. इसलिए पूरे परिवार को इस ईंट भट्ठे में काम करना पड़ता है।

सेल्फ स्टडी से मिली सफलता

यमुना रोजाना 5 से 6 घंटे के काम के बाद पढ़ाई के लिए भी समय निकलती थी. सेल्फ स्टडी के भरोसे ही चार बार के बाद आखिरकार कामयाबी हासिल हुई है. अब यमुना चक्रधारी का आगे एमबीबीएस पूरा करने के बाद एमडी या एमएस के लिए ट्राई करना अगला लक्ष्य होगा।

डॉक्टर बनाकर गांव में सेवा देना चाहती है यमुना

यमुना चक्रधारी ने बताया कि उतई के डॉक्टर अश्वनी चंद्राकार गांव के लोगो के सेवा में लगे हैं. डॉक्टर अश्वनी चंद्राकार ने यमुना की भी मदद की. अब उसी प्रकार यमुना भी डॉक्टर बनकर अपने गांव के लोगों की सेवा करना चाहती है. यमुना का कहना है कि वो जल्द अपने इस सपने को साकार करेगी. यमुना के अलावा परिवार की एक और होनहार है युक्ति चक्रधारी जो यमुना की ही बडी बहन है. युक्ति चक्रधारी ने वर्ष 2022 में हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में एमए इतिहास में टॉप किया. उसने बताया कि पढ़ाई करने के लिए घर में किसी प्रकार का मोबाइल या लैपटाप जैसे संसाधन नही थे. इसके बावजूद हम लोगो ने पढ़ाई की है. घर के सभी सदस्यों द्वारा पिता के ईंट भट्ठे में काम में सहयोग करते है और रात के समय पढ़ाई करते थे.


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Sumit ZaaDav

Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

मत्स्य पालन और जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कार्यशाला आयोजित बिहार में बाढ़ राहत के लिए भारतीय वायु सेना ने संभाली कमान बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने रवाना हुए सीएम नीतीश पति की तारीफ सुन हसी नही रोक पाई पत्नी भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी स्पैम कॉल : दूरसंचार कंपनियों ने 50 संस्थाओं को बैन किया, 2.75 लाख कनेक्शन काटे भागलपुर : युवक का अवैध हथियार लहराते फोटो वायरल भागलपुर में पार्षद नंदिकेश ने तुड़वाया वर्षों से बंद पड़े शौचालय का ताला ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से स्कूल परिसर में किया पौधारोपण CM नीतीश कुमार पहुंचे रोहतास