राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के गृह जिले मयूरभंज में पहली बार एक्सप्रेस ट्रेन भी चलेगी। रेल मंत्रालय ने इस बारे में फैसला किया है। मोदी सरकार इस आदिवासी बहुल जिले को ध्यान में रखकर काम कर रही थी। मोदी सरकार के इस फैसले के बाद अब ओडिशा का मयूरभंज जिला कोलकाता के साथ ही टाटानगर और राउरकेला से सीधे जुड़ जाएगा। इसके लिए चार ट्रेनों की मंजूरी दी गई है।

मयूरभंज को चार ट्रेनों की सौगात

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत सरकार ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पैतृक जिले मयूरभंज, ओडिशा से चार जोड़ी नई ट्रेनों को चलाने की मंजूरी दी है। ये नई ट्रेनें मयूरभंज को कोलकाता, राउरकेला और टाटानगर से जोड़ेंगी। नई ट्रेनों की मंजूरी मयूरभंज के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग है। मयूरभंज के लोग बेहतर रेल संपर्क की कमी का सामना कर रहे थे, जिससे उन्हें अन्य हिस्सों के साथ यात्रा करना मुश्किल हो रहा था।

नई ट्रेनों से मयूरभंज के लोगों को ओडिशा और भारत के अन्य हिस्सों में आसानी से यात्रा करने की सुविधा मिलेगी। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और आदिवासी बहुल जिले के विकास में मदद मिलेगी।

रेलवे ने की इन ट्रेनों को चलाने की घोषणा

कोलकाता-बादामपहाड़-कोलकाता साप्ताहिक एक्सप्रेस

बादामपहाड़-राउरकेला-बादामपहाड़ साप्ताहिक एक्सप्रेस

राउरकेला-टाटानगर-राउरकेला (सप्ताह में 6 दिन)

टाटानगर-बादामपहाड़-टाटानगर (सप्ताह में 6 दिन)

आदिवासी क्षेत्रों के विकास को लेकर गंभीर मोदी सरकार

मयूरभंज से नई ट्रेनों की मंजूरी एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। इससे आदिवासी क्षेत्रों की कनेक्टिविटी और विकास में बड़ा बढ़ावा मिलेगा। नई ट्रेनों की मंजूरी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए भी एक प्रतीकात्मक महत्व रखता है, जो भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति हैं। यह दर्शाता है कि सरकार आदिवासी समुदायों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। नई ट्रेनों की मंजूरी भारत सरकार की आदिवासी क्षेत्रों के विकास के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।

नई ट्रेनों से मयूरभंज के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और अन्य अवसरों तक पहुँचने में आसानी होगी। नई ट्रेनों से स्थानीय व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे आदिवासी समुदायों के सामाजिक और आर्थिक विकास में मदद मिलेगी।


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