क्या है धनतेरस की धार्मिक मान्यता ? जानें इस दिन बर्तन खरीदने का महत्व
हिंदू धर्म में सबसे प्रमुख त्योहारों में से दीपावली का पर्व बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. दीपावली का पर्व एक उत्साह की तरह मनाया जाता है जो धनतेरस से शुरू होकर और भाई दूज तक चलता है. 5 दिनों तक बड़े धूमधाम से सनातन धर्म को मानने वाले लोग इस पर्व को मानते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है.
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था. इस दिन धनतेरस का पर्व बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दिन माता लक्ष्मी कुबेर और गणेश जी की पूजा आराधना का विधान है. मान्यता है कि ऐसा करने से देवता प्रसन्न होते हैं. घर में धन-वैभव और सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है. आज हम आपको बताएंगे कि क्यों मनाया जाता है धनतेरस? इस दिन किस प्रकार के बर्तन को खरीदना बेहद शुभ होता है तो चलिए जानते हैं.
कब है धनतेरस?
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर हो रहा है. यह तिथि 11 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट तक मान्य है. ऐसे में प्रदोष काल 10 नवंबर को है, इसलिए इस वर्ष धनतेरस 10 नवंबर दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा.
क्यों मनाया जाता है धनतेरस?
धार्मिक मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर भगवान धन्वंतरि हाथों में कलश लिए समुद्र में से प्रकट हुए थे. इतना ही नहीं मान्यता के अनुसार भगवान धन्वंतरि को भगवान विष्णु का ही अंश माना जाता है. शायद यही वजह है कि धनतेरस के दिन विधि-विधान पूर्वक भगवान धन्वंतरि की पूजा आराधना की जाती है .
इतना ही नहीं धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि के साथ-साथ माता लक्ष्मी और कुबेर भगवान की भी पूजा आराधना करने का विधान है. कहा जाता है धनतेरस पर माता लक्ष्मी की पूजा आराधना करने से घर में धन की कोई कमी नहीं रहती है. साथ ही परिवार में सुख-शांति बना रहता है.
धनतेरस पर बर्तन क्यों खरीदना चाहिए?
अयोध्या की ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि धनतेरस के दिन नए बर्तन खरीदने का विधान है. मान्यता के अनुसार भगवान धन्वंतरि जन्म के दौरान एक अमृत कलश लिए हुए थे. इसी वजह से इस दिन बर्तन खरीदना बेहद खास माना जाता है. अगर जातक धनतेरस के दिन कलश खरीदने हैं तो यह बहुत महत्वपूर्ण होता है.
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.