SitamarhiMotivationSuccess StoryUPSC

जिय हो बिहार के लाला, फल बेचने वाले का बेटा बना IAS, सीतामढ़ी के लाल ने UPSC में लहराया परचम

बिहार के सीतामढ़ी से आने वाले मासूम रजा खान जो कि एक मिडिल क्लास फैमिली से आते हैं. उन्होंने बताया कि उनके पिता दिल्ली में ही एक फ़ूड स्टॉल चलाते हैं और उनकी मां होममेकर हैं. उनकी दो बहने हैं और घर में ही वह ही एक अकेले भाई और बेटे हैं. मासूम रजा खान ने जामिया मिलिया इस्लामिया की रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी (RCA) से यूपीएससी की तैयारी की है।

मासूम रजा खान ने बताया कि घर में कई आर्थिक समस्याएं थी. वह आर्थिक तौर पर इतने मजबूत नहीं थे कि लाखों रुपए खर्च कर यूपीएससी की तैयारी कर सके लेकिन जामिया की आरसीए अकादमी से उन्हें यूपीएससी की तैयारी करने में बेहद मदद मिली. किसी भी तरीके का आर्थिक बोझ उन पर नहीं रहा. वह आराम से यहां रह कर अपनी पढ़ाई पूरी कर सके. हालांकि इसके साथ ही वो अपने पिता के साथ फूड स्टॉल पर काम भी किया करते थे लेकिन उनके पिता ने कभी भी उन पर काम को लेकर दबाव नहीं डाला. वह खुद ही खाली समय होने पर अपने पिता की मदद करने के लिए उनके फूड स्टॉल पर चले जाया करते थे।

00000 21

खान ने बताया कि पिछले 5 सालों से वह यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे और 5वें एटैम्प में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास करते हुए 457 रैंक हासिल की. जिसका श्रेय वह अपने माता-पिता और अपनी मेहनत को देना चाहेंगे. मासूम रजा खान ने बताया कि मेहनत का कोई भी शॉर्टकट नहीं होता आप पूरी ईमानदारी और लगन के साथ अगर किसी चीज के लिए मेहनत करते हैं तो आपको वह चीज जरूर मिलती है।

मासूम रजा खान ने दिल्ली के सरोजनी नगर स्थित रतन चंद्र आर्य समाज स्कूल से प्राइमरी एजुकेशन और फिर सरकारी स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की जिसके बाद उन्होंने गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से बी टेक की. उन्होंने कहा कि बचपन से ही उन्होंने अपने आसपास ऐसे लोगों को देखा जो रोजी-रोटी कमाने के लिए खूब मेहनत करते हैं. इस दौरान इस मेहनत से वह लोग कहीं ना कहीं इन चीजों के बारे में नहीं सोच पाते, या शायद उन्हें इसके बारे में सोचने का समय ही नहीं मिलता लेकिन उनके माता-पिता ने बचपन से ही उन्हें अच्छी शिक्षा देने के लिए पूरी मेहनत की. अपनी ग्रेजुएशन कंप्लीट करने के बाद उन्होंने बच्चों को पढ़ाना शुरू किया. वह इंस्टीट्यूट में बच्चों को पढ़ाने के लिए जाते थे. इसके अलावा सरोजिनी नगर में ही स्लम एरिया में रहने वाले बच्चों को भी वो पढ़ाते थे. बच्चों को पढ़ाने से उनका जनरल नॉलेज भी काफी अच्छा हुआ जिसने उन्हें यूपीएससी में मदद मिली।

रोजाना करते थे आठ घंटे की पढ़ाई

मासूम रजा खान ने बताया कि यूपीएससी की तैयारी में आरसीए ने उनकी काफी मदद की और इस तरीके के सेंटर देश में और भी होने चाहिए. जिससे कि अलग-अलग राज्यों में यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों को मदद मिले, यहां अकादेमी में यूपीएससी की तैयारी करने के लिए बहुत अच्छा माहौल मिलता है, यहां सब एक दूसरे की मदद करते हैं प्रोफेसर बहुत अच्छे से सभी छात्रों को गाइड करते हैं. उन्होंने कहा कि वह रोजाना 7 से 8 घंटे पढ़ाई करते थे कभी भी 20 घंटे पढ़ाई नहीं की, हालांकि एग्जाम टाइम में वह 10 से 12 घंटे के लिए पढ़ते थे, उन्होंने कहा कि जो भी छात्र यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें हमेशा से अपना टारगेट सेट करके रखना चाहिए, कौन सा सिलेबस पढ़ना है और किस दिशा में अपनी तैयारी करनी है उसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Sumit ZaaDav

Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

मत्स्य पालन और जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कार्यशाला आयोजित बिहार में बाढ़ राहत के लिए भारतीय वायु सेना ने संभाली कमान बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने रवाना हुए सीएम नीतीश पति की तारीफ सुन हसी नही रोक पाई पत्नी भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी स्पैम कॉल : दूरसंचार कंपनियों ने 50 संस्थाओं को बैन किया, 2.75 लाख कनेक्शन काटे भागलपुर : युवक का अवैध हथियार लहराते फोटो वायरल भागलपुर में पार्षद नंदिकेश ने तुड़वाया वर्षों से बंद पड़े शौचालय का ताला ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से स्कूल परिसर में किया पौधारोपण CM नीतीश कुमार पहुंचे रोहतास