दिवाली की त्योहार इस बार 12 नवंबर को मनाया जाएगा। सनातन परंपरानुसार, हर साल दिवाली पर्व को बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। दिवाली के दिन मुख्य रूप से मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा होती है। मान्यता है कि इस दिन जो कोई पूरी श्रद्धा-भक्ति से उपासना करता है, उसके जीवन में आर्थिक विपन्नता नहीं आती। शास्त्रों में कहा गया है कि मां लक्ष्मी को स्वच्छता पसंद है। ऐसे में दिवाली से घर के उन स्थानों को विशेष तौर साफ करना चाहिए जहां उनका वास माना गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, जानते हैं कि घर में किन स्थानों पर मां लक्ष्मी और कुबेर का वास होता है और उसे साफ करना क्यों जरूरी है।

ईशान कोण

वास्तु शास्त्र में ईशान कोण को विशेष महत्व दिया गया है। पूरब और उत्तर के कोण को ईशान कोण कहा जाता है। यह कोण देवी-देवताओं को समर्पित है। ऐसे में दिवाली से पहले घर के इस कोण को विशेष रूप से साफ कर लेना चाहिए। क्योंकि अगर इस स्थान पर गंदगी रही तो मां लक्ष्मी की कृपा पाने से वंचित हो सकते हैं। ऐसे में ईशान कोण का विशेष ख्याल रखें।

ब्रह्म स्थान

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के बीचोंबीच की जगह को ब्रह्म स्थान करते हैं। जानकार बताते हैं कि दिवाली से पहले इस स्थान को साफ-सुथरा रखना चाहिए। इसके अलावा इस स्थान पर अनावश्यक सामान नहीं रखने चाहिए। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि इस स्थान पर कोई खंडित वस्तु या टूटा हुआ कांच न रहे।

कुबेर की दिशा है उत्तर

वास्तु नियम के मुताबिक, घर की उत्तर दिशा में कुबेर का वास होता है। मान्यता है कि इस दिशा को साफ रखने से कुबेर देव प्रसन्न होते हैं। ऐसे में दिवाली से पहले घर की उत्तर दिशा को विशेष रूप से साफ-सुथरा कर लें।


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