Bhai Dooj 2023: इस तरह लगाएं भाई के माथे पर तिलक, नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि
भाई दूज का त्योहार हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस त्योहार को भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक माना गया है। भाई दूज को यम द्वितीया, भाई टीका इत्यादि नामों से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल भाई दूज 14 नवंबर को यानी कल मनाया जाएगा। दृक पंचांग के मुताबिक भाई दूज पर द्वितीया तिथि की शुरुआत 14 नवंबर, मंगलवार को दोपहर 2 बजकर 36 मिनट से शुरू हो रही है। भाई दूज पर टीका लगाने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 45 मिनट तक है। ऐसे में आइए जानते हैं कि भाई दूज का शुभ मुहूर्त क्या है और इस दिन भाई को टीका लगाने की सही विधि क्या है।
भाई दूज पूजा सामग्री
भाई दूज पर अपने भाई की आरती उतारते वक्त बहन की थाली में सिंदूर, फूल, अक्षत (चावल के दाने), सुपारी, पान का पत्ता, चांदी का सिक्का, नारियल, फूल माला, मिठाई, कलावा, दूर्वा और केला इत्यादि पूजन सामग्रियां जरूर होनी चाहिए। कहा जाता है कि भाई दूज पर पूजा की थाली में इन शुभ चीजों को होने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। कहा तो यह भी जाता है कि इन पूजन सामग्रियों के बिना भाई दूज का त्योहार अधूरा है। ऐसे में भाई दूज पर इन पूजन सामग्रियों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
भाई दूज पूजन विधि
भाई दूज का पर्व बहन-भाई से पवित्र रिश्ते के दर्शाता है। इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाने और उनकी आरती करने के लिए पूजा थाल सजाती हैं। जिसमें चंदन, कुमकुम, रोली, फूल, फल, सुपारी इत्यादि सामग्रियां होनी चाहिए। पूजन विधि के मुताबिक, इस दिन भाई को तिलक करने से पहले चावल के मिश्रण से कलाकृति की जाती है। चालव के धोल की इस कलाकृति पर एक लकड़ी का आसन (लकड़ी का पीढ़ा) लगाया जाता है। इसके बाद शुभ मुहूर्त में भाई के माथे पर तिलक लगाया जाता है। भाई को तिलक करने के बाद फूल, पान, सुपारी, काले चने, बताशे भाई को दिए जाते हैं और फिर उनकी आरती उतारने का रस्म पूरा किया जाता है। इस क्रम में भाई का सिर किसी रुमाल इत्यादि के ढका होना चाहिए। तिलक-आरती के बाद भाई के द्वारा बहनों को उपहार दिया जाता है।
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