Success StoryMotivationNationalTOP NEWSTrendingViral News

बैंक की नौकरी छोड़ बनी IAS अधिकारी बनी अनु, शादी के 5 साल बाद बनी UPSC टॉपर; पढ़े सफलता की कहानी

Google news

मेरा नाम अनु कुमारी है और मैं हरियाणा की सोनीपत की रहने वाली हूं. साल 2017 की यूपीएससी परीक्षा की मैं टॉपर हूं, मुझे देशभर में दूसरा रैंक प्राप्त हुआ. पढ़ाई करने के बाद मुझे बैंक में अच्छी खासी नौकरी मिल गई थी और सैलरी भी अच्छी थी इसलिए मैंने नौकरी करने का फैसला लिया. लेकिन कहीं ना कहीं मेरे मन में अफसर बनने का सपना छिपा हुआ था. इसलिए शादी के 5 साल बाद मैंने एक बार फिर से मेहनत करने का फैसला लिया और सिविल सेवा ज्वाइन करने के लिए जमकर तैयारी करने लगी. परिवार वालों ने साथ दिया. पढ़ाई में कोई डिस्टर्ब ना हो इसीलिए बेटे को खुद से दूर रखा. रिजल्ट वाले दिन जब मुझे और मेरे परिवार के लोगों को पता चला कि मैं सेकंड टॉपर हूं तो सभी लोग खुश हो रहे थे…

अनु कहती है कि उनके पिताजी हॉस्पिटल में एचआर डिपार्टमेंट में काम करती थे और मां हाउसवाइफ थी. आसान भाषा में कहा जाए तो घर का चौक चुल्हा संभालती थी, भैंस पालती थी. पिताजी की आमदनी बहुत ज्यादा नहीं थी, किसी तरह घर चल जाता था. भैंस पालने से आर्थिक आमदनी में मदद मिलती थी.

अनु कहती है कि मैट्रिक इंटर और कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद से ही दोस्तों ने मुझे सिविल सेवा ज्वाइन करने का सलाह दिया लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण मैंने नौकरी करने का फैसला लिया. मैंने सोचा कि पहले जॉब किया जाए. कुछ आमदनी कर ली जाए. उसके बाद आगे की आगे सोचेंगे.

अनु कहती है कि गांव के ही सरकारी स्कूल से उसकी पढ़ाई आरंभ हुई जो बाद में दिल्ली के हिंदू कॉलेज तक पहुंची. अनु को आज भी याद है कि सोनीपत से रोज ट्रेन पड़कर वह कॉलेज पढ़ने आया करती थी. बाद में नागपुर जाकर अनु ने एमबीए किया और केंपस प्लेसमेंट की मदद से उसे एक बैंक में नौकरी मिल गई जहां उसने 2 साल तक काम किया.

अनु रका कहना है कि साल 2017 में मैं यूपीएससी टॉपर बनी लेकिन इससे 5 साल पहले साल 2012 में जब में मुंबई से गुरुग्राम चली आई तो वहां मेरी शादी हो गई. परिवार में सब कुछ ठीक चल रहा था. पति, बच्चे, सास और ससुर वाला भरा पूरा परिवार था.

अचानक एक दिन उसके भाई ने अनु से कहा कि अब तो सब कुछ ठीक हो चुका है तुम यूपीएससी की तैयारी क्यों नहीं करती हो. फिर क्या था अनु जमकर तैयारी करने लगी. यूपीएससी के लिए अनु को नौकरी छोड़नी पड़ी वह भी उसे समय जब उसका पूरा परिवार उसकी सैलरी पर डिपेंडेबल था.

इसके बाद वह ससुराल छोड़कर मायके चली आई. क्योंकि पति और बच्चे के साथ वह पढ़ नहीं पाती थी. यहां आकर उसने एक लाइब्रेरी ज्वाइन किया जहां अच्छे से पढ़ाई हो सके. फिर अनु ने फैसला लिया और अपनी मौसी के घर शिफ्ट हो गई।जब अनु ने यह फैसला लिया तो उनका बेटा वियान बहुत रोया, मीडिया साक्षात्कार में अनु ने बताया कि वियान जितना रोया था, उससे ज्यादा वह खुद रोई थीं। अपने बच्चे को मां के पास छोड़कर वह बस दिन-रात मेहनत करती थीं। इसमें उनकी मौसी ने भी काफी मदद की। अनु अपने बेटे से मिलने से कतराती थीं क्योंकि जब वह उससे मिलती थीं तो भावनात्मक रूप से इतनी हिल जाती रहीं कि वह कई दिनों तक पढ़ाई नहीं कर पाती थीं। इसलिए उन्होंने अपने बेटे वियान को करीब दो साल तक खुद से दूर रखा।

अनु ने जब पहली बार परीक्षा दी थी तब सिर्फ डेढ़ महीने का समय था। उसने दिन-रात एक किया लेकिन उसका चयन नहीं हुआ, हालांकि उसका आधार अच्छी तरह से तैयार था। अनु ने साल 2017 में दूसरे प्रयास में सेल्फ स्टडी के आधार पर यूपीएससी की परीक्षा पास की थी। अनु कुमारी ने साल 2017 में सिविल सेवा परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल किया था।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Kumar Aditya

Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी स्पैम कॉल : दूरसंचार कंपनियों ने 50 संस्थाओं को बैन किया, 2.75 लाख कनेक्शन काटे भागलपुर : युवक का अवैध हथियार लहराते फोटो वायरल भागलपुर में पार्षद नंदिकेश ने तुड़वाया वर्षों से बंद पड़े शौचालय का ताला ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से स्कूल परिसर में किया पौधारोपण