सिर्फ दो हजार रुपये से शरू किया सहारा इंडिया का कारोबार, 2.6 लाख करोड़ की संपत्ति बनाई; पढ़े सफलता की कहानी
सहारा इंडिया परिवार के संस्थापक सुब्रत रॉय (Sahara Group founder Subrata Roy)नहीं रहे. उनकी उम्र 75 वर्ष थी. उनका लंबे समय से मुंबई के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. उच्च रक्तचाप और मधुमेह के कारण वे कई तरह की शारीरिक व्याधियों से जूझ रहे थे. एक लंबी बीमारी के बाद कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट के कारण 14 नवंबर 2023 को रात 10.30 बजे उनका निधन हो गया।
‘सहाराश्री’ कहलाने वाले देश के सबसे चर्चित कारोबारी और उद्योगपति सुब्रत रॉय सहारा इंडिया परिवार के मैनेजिंग वर्कर और चेयरमैन थे. सुब्रत रॉय ने वर्ष 1978 में सहारा की स्थापना की, और 2004 तक, उन्होंने अपनी कंपनी को देश के सबसे सफल समूहों में से एक बना दिया था. यहां तक कहा जाने लगा था कि भारतीय रेलवे के बाद सहारा ‘भारत में दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता’ है. वे संभवतः भारत के कॉर्पोरेट जगत के इतिहास की सबसे अनूठी शख्सियतों में से एक थे.
सिर्फ दो हजार रुपये से शुरु किया था कारोबार
10 जून, 1948 को अररिया, बिहार में जन्मे सुब्रत रॉय ने किसी चमत्कार की तरह रातों-रात भारतीय फाइनेंस जगत में अपनी पहचान बनाई थी. उन्होंने कुछ ही वर्षों की सफलता के बाद एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की, जो फाइनेंस, रियल एस्टेट, मीडिया और हॉस्पिटैलिटी सहित विभिन्न क्षेत्रों तक फैला हुआ था. सन् 1978 में राय ने सिर्फ दो हजार रुपये से अपना काम शुरु किया था और बाद में कुल शुद्ध संपति 2,59,900 करोड़ तक पहुँच गई.
सन् 2000 तक आते-आते सुब्रत रॉय की कंपनी सहारा इंडिया परिवार नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई. उन्हें एक पत्रिका ने ‘भारत के 10 सबसे शक्तिशाली लोगों’ में शामिल किया था . समूह ने देश भर में 5,000 से अधिक प्रतिष्ठानों संचालित किए जिसमें सहारा इंडिया परिवार के तहत लगभग 1.4 मिलियन वर्कफोर्स को रोजगार मिला. कहा जाने लगा कि वे भारतीय रेलवे के बाद भारत में दूसरे सबसे बड़े नियोक्ता बन गए थे.
शानो-शौकत से भरा जीवन
सहारा चीफ के पास एक आरामदायक जीवन के लिए आवश्यक हर चीज हुआ करती थी. उन्होंने अपनी एक अलग दुनिया बसा ली थी. उनकी इस दुनिया में एक हेलीपैड, एक क्रिकेट स्टेडियम, एक छोटा खेल परिसर, 11 किमी परिधि वाली एक झील, एक 18-होल मिनी-गोल्फ कोर्स जैसी सुविधाएं शामिल थीं. , उनके पास 3,500 लोगों के बैठने की जगह वाला एक अत्याधुनिक सभागार, 124 सीटों वाला मूवी थियेटर, एक एम्बुलेंस के साथ पांच बिस्तरों वाला स्वास्थ्य केंद्र, एक फायर स्टेशन और एक पेट्रोल पंप भी शामिल था.
सेलिब्रिटी के साथ था उठना-बैठना
एक समय वह भी आया था जब सुब्रत रॉय बड़े-बड़े भव्य कार्यक्रमों की मेजबानी करते किया थे, जहां वे पेज थ्री पत्रकारिता में क्रिकेटरों और बॉलीवुड हस्तियों के के साथ उठते-बैठते नज़र आते थे. इस कॉरपोरेट टाइकून को अक्सर विदेशी नेताओं, भारतीय राजनेताओं और देश के तमाम प्रभावशाली लोगों के साथ देखा जाता था.
सहारा मीडिया से लेकर रियल एस्टेट तक विभिन्न उद्योगों के माध्यम से लगभग हर क्षेत्र में उनका हस्तक्षेप था. उनकी कंपनी का मुख्यालय लखनऊ में है. वे न्यूयॉर्क प्लाजा होटल के साथ-साथ लंदन ग्रोसवेनर हाउस होटल का मालिक थे. उन्होंने 10 वर्षों तक भारतीय क्रिकेट टीम को प्रायोजित करने के अलावा, सहारा की फॉर्मूला वन रेसिंग टीम भी तैयार की थी.
फंड में गड़बड़ी का आरोप
राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बीच भी सहाराश्री सबको साध लेते थे. ऐसा लगता था कि सुब्रत राय सहारा अजेय हैं, कोई उन्हें अपनी जगह से हिला भी नहीं सकता. लेकिन जब सहारा फंड में करोड़ों रुपये की गड़बड़ी के आरोप लगे तो उनकी सारी प्रसिद्धि खत्म हो गई. 2014 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ एक विवाद के संबंध में अदालत में उपस्थित न होने पर उन्हें हिरासत में लेने का आदेश दिया.
एक लंबी कानूनी लड़ाई हुई, जिसमें रॉय को तिहाड़ जेल में समय बिताना पड़ा और अंततः 2017 में उन्हें पैरोल पर रिहा किया गया था. अगस्त 2012 में एक मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने लाया गया, जिसने सेबी के पक्ष में फैसला सुनाया. 90 दिनों के अंदर सहारा समूह को सेबी के पास 24,000 करोड़ रुपये जमा कराने थे. रॉय और उनके दो सहकर्मियों को हिरासत में ले लिया गया क्योंकि उन्होंने उच्चतम न्यायालय के फैसले का समय पर पूरी तरह से पालन नहीं किया. गिरफ्तारी के बाद समूह और उसके प्रबंधन की प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचा था.
सुब्रत रॉय के जीवन की प्रमुख घटनाएं
- सुब्रत रॉय सहारा का जन्म 10 जून 1948 को बिहार के अररिया में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था.
- उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कोलकाता के होली चाइल्ड स्कूल से पूरी की.
- सुब्रत रॉय सहारा ने सरकारी तकनीकी संस्थान, गोरखपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई पूरी की.
- सुब्रत रॉय 1976 में सहारा फाइनेंस से जुड़े और बाद में उन्होंने कंपनी की कमान अपने हाथों में ले ली.
- 1990 के दशक में, वह लखनऊ चले गए जो बाद में समूह का आधार बन गया.
- उसी साल, सुब्रत रॉय ने 217 आत्मनिर्भर टाउनशिप को कवर करते हुए सहारा सिटी परियोजना शुरू की.
- कंपनी ने धीरे-धीरे वित्तीय सेवाओं, रियल एस्टेट, मीडिया, मनोरंजन, पर्यटन, स्वास्थ्य देखभाल और हॉस्पिटैलिटी तक अपना विस्तार कर लिया.
- 2000 में सुब्रत रॉय ने सहारा टीवी लॉन्च किया, जिसे बाद में सहारा वन नाम दिया गया.
- सहारा इंडिया में 9 करोड़ से अधिक निवेशक और जमाकर्ता हैं जो भारत में लगभग 13 प्रतिशत परिवारों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
- 2019 में, सुब्रत रॉय सहारा ने अन्य उन्नत संबद्ध सेवाओं के साथ अपना खुद का इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) ब्रांड ‘सहारा इवोल्स’ लॉन्च किया.
सुब्रत रॉय का निजी जीवन
- सुब्रत रॉय सहारा छवि रॉय और सुधीर चंद्र रॉय के बेटे थे.
- उनका विवाह स्वप्ना रॉय से हुआ जो कंपनी की मैनजिंग वर्कर (पर्सनल और वेल्फेयर) थीं.
- सुब्रत रॉय सहारा के दो बेटे हैं – सुशांतो रॉय और सीमांतो रॉय.
गौर करें तो सुब्रत रॉय का जीवन उल्लेखनीय उपलब्धियों और विवादों दोनों से भरा रहा. उनका निधन के साथ भारत के कारोबारी जगत से एक ऐसे व्यक्ति ने विदा ली है जो कभी भारत के सबसे प्रभावशाली शख्सियत में से एक था, जिसका विशाल व्यापारिक साम्राज्य देश भर में लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करता था. तमाम विवादों के बावजूद सुब्रत रॉय की दूरदर्शिता और उद्यमशीलता को आने वाले वर्षों में याद रखा जाएगा.
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