बांका जिले के जयपुर थाना क्षेत्र के चंदे पट्टी गांव में भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण टीम को मिले सुनहरे पत्थर से क्षेत्र का भाग्य चमकने वाला है।

खनिज संपदा को अपने गर्भ में समेटे जयपुर की बंजर भूमि अब सोना उगलेगी। यहां के किसानों के लिए अभिशाप बन चुकी बंजर भूमि अब किसी वरदान से कम नहीं रह जाएगा।

छ्ह महीने बाद क्षेत्र में फिर एक बार भारतीय वैज्ञानिक सर्वेक्षण टीम (जीएसआई) सक्रिय हो गई है। सिर्फ चंदे पट्टी गांव के लगभग आधा दर्जन से ऊपर किसानों की लगभग दस एकड़ से ऊपर जमीन पर लगे आम के बगीचे को भारतीय भूगर्भ वैज्ञानिक सर्वेक्षण टीम ने अपने डायमीटर में ले लिया है।

जीएसआई की टीम हुई एक्टिव

गांव निवासी मु.अलाउद्दीन, मु. सदाव सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि सप्ताह भर पूर्व तीन हेलीकॉप्टर एक साथ जमीन से काफी करीब गांव के आस-पास कई चक्कर काटते देखे गए थे। इसके दो दिन बाद से ही भारतीय भूगर्भ वैज्ञानिक सर्वेक्षण टीम गांव के आसपास के इलाके में सक्रिय हो गई है।

अलग-अलग आधा दर्जन जगहों पर लगभग 10 फीट लंबे तीन फीट नीचे तरीनुमा गड्ढे की मिट्टी के नमूने संग्रह कर लैब टेस्टिंग के लिए फिर भेजे जा चुके हैं। इसके बाद बोरिंग प्वाइंट से लगभग दो किलोमीटर रेडियस के जमीन को प्रत्येक 20 फीट पर मशीन के द्वारा जांच कर छोटे-छोटे खूंटे को मार्किंग कर गाड़े जा रहे हैं।

अनुमान लगाया जा रहा है कि खनिज संपदा निकालने के लिए फिलहाल खनन विभाग को जितनी जमीन की आवश्यकता है, उसे चिह्नित किया जा रहा है। एक अन्य अधिकारी ने बस इतना बताया कि अभी सिर्फ ऊपरी सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है। मगर यह इलाका भारत का गौरव बनने वाला है।

बांका के कई क्षेत्रों में हुआ था अन्वेषण कार्य

मई के अंत तक जयपुर के चंदे पट्टी गांव में जीएसआई सर्वेक्षण टीम का अन्वेषण कार्य चला था। यह कार्य जिले के कई इलाकों में कि‍या गया था, मगर दोबारा वैज्ञानिकों की टीम चंदे पट्टी गांव में आकर भू-सर्वेक्षण का काम कर रही है।

दोबारा जीएसआई टीम के यहां पहुंचने से अंग्रेजों द्वारा सोने की खोज में किए गए खनन की जगह से अपार खनिज संपदा मिलने की संभावना प्रबल हो गई है।

पावर प्रेशर मशीन के द्वारा उक्त स्थल से निकाले गए बेलनुमा सुनहरे पत्थरों के नमूने को संग्रह कर लैब में छह माह पहले भेजा गया था।

इन किसानों की आम बगीचे में गाड़े गए हैं कील

80 वर्षीय अलाउद्दीन ने बताया कि हमारे गांव के लगभग आधा दर्जन किसानों के आम के बगीचे सर्वेक्षण टीम ने रेखांकित किया है। बावजूद गांववासियों के लिए यह खुशी की बात है। मु. फैज के 70 पेड़, अलाउद्दीन 75, परवेज 25, रिदाव 25, नेसार व इजहार 70, खरवा हुसेन 30 सहित सैकड़ों किसानों की जमीन भी उस दायरे में आ रही है।


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