भागलपुर: जिंदा थी तो सेवक बना रहा, मालकिन के मरते ही निकला दगाबाज; जानें पूरा मामला
साइबर थाने में पत्नी की मौत की पीड़ा झेल रहे एक बुजुर्ग ने परिवार के कार चालक कार्तिक मंडल पर चार लाख 60 हजार 911 रुपये की धोखाधड़ी करने का आराेप लगा केस दर्ज कराया है। दर्ज केस में बुजुर्ग विनय मोहन प्रसाद ने कहा है कि कार्तिक पत्नी के जिंदा रहते सेवक बन वफादारी निभाता रहा।
लेकिन मालकिन के स्वर्गवास होते ही दगाबाजी पर उतर आया। दरअसल कार चालक मुंदीचक का ही रहने वाला था। उसे बुलाने और बात करने के लिए पत्नी ने 2017 में ही अपना सिम समेत पुराना मोबाइल दे दिया था। छह मई 2021 को पत्नी के स्वर्गवास हो जाने के बाद से कार चालक ने काम बंद कर दिया। आना-जाना भी बंद हो गया।
बुजुर्ग ने साइबर थाने को जानकारी दी
बुजुर्ग ने साइबर थाने को जानकारी दी है कि उनका खाता भारतीय स्टेट बैंक की सिटी शाखा संचालित है। 28 अक्टूबर 2023 को पासबुक प्रिंटिंग के बाद पता चला कि उनके खाते से यूपीआइ आइडी बनाकर रुपये की निकासी खाते से किया जा रहा है।
अबतक चार लाख 60 हजार 911 रुपये की निकासी हो चुकी है। यह राशि कार चालक रहे कार्तिक मंडल ने पत्नी की तरफ से दिये गए सिम समेत मोबाइल का गलत इस्तेमाल कर निकासी कर ली है। साइबर थाने की पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
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