बक्सरःबिहार में छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है. अभी भी परदेश से लोगों के आने का सिलसिला जारी है. ट्रेन में भेड़ बकरी की तरह यात्रा (Crowd in train coming to Bihar) कर रहे हैं. हाल यह है कि जिसे सीट नहीं मिलती है, वे बाथरूप में खड़ा होकर आ रहे हैं. इससे अन्य यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है. ऐसा ही हाल शुक्रवार को बक्सर में देखने को मिला।

दिल्ली और हैदराबाद से आने वाली ट्रेन में भीड़ः बक्सर स्टेशन पर शनिवार को पहुंची मगध एक्सप्रेस, ब्रह्मपुत्रा एक्सप्रेस और सिकंदराबाद-पटना एक्सप्रेस में इतनी भीड़ थी कि देखर दिमाग चकरा जाएगा. लोग गेट पर लटक कर और बाथरूप में यात्रा कर रहे हैं. यात्रा करने वाले यात्रियों ने बताया कि छठ पर्व को लेकर मजबूरी में इस तरह जाना पड़ रहा है. रेलवे की ओर से कोई सुविधा नहीं की गई है।

शौचालय में यात्रा की मजबूरीः दरअसल, छठ पूजा को लेकर बिहार व उत्तर प्रदेश के लोग बड़ी संख्या में अपने घर पहुंच रहे हैं. पूजा को लेकर रेल मंत्रालय की ओर से स्पेशल ट्रेन की घोषणा तो की गई, लेकिन स्थिति समान्य नहीं दिख रही है. बंदे भारत व राजधानी जैसी पूजा स्पेशल ट्रेन चलाकर यात्रियों की सहूलियत देने की बात कही गई थी, भीड़ उतनी ही दिख रही है, जितनी हर साल रहती है. सामान्य ट्रेनों से लेकर पूजा सेशल ट्रेनों के शौचालय में लोग यात्रा करने को मजबूर हैं।

रेल मंत्रालय का दावा फेलः अलग-अलग राज्यों से छठ पूजा में घर लौट रहे बिहारियों ने भारत सरकार के रेल मंत्रालय पर जमकर अपनी भड़ास निकाली. कहा कि 4 महीने पहले पूजा में घर आने के लिए ट्रेनों में सीट बुक करायी थी. उसके बाद भी शौचालय में खड़ा होकर जाना पड़ रहा है. पूजा स्पेशल के नाम पर जो ट्रेन चलाई जा रही है, वह 10 घण्टे की यात्रा 21 घंटे में पूरा करा रही है. 24 घंटे से यात्री वॉशरूम नहीं गए हैं।

इतनी भीड़ है कि रिजर्वेशन होने के बाद भी सीट नहीं मिल रही है. सरकार की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई है. जो स्पेशल ट्रेनें चलायी जा रही है, वह काफी लेट चल रही है. लोग बाथरूप में बैठकर यात्रा कर रहे हैं.”-दीपक कुमार, दिल्ली ये आने वाले यात्री


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Adblock Detected!

Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please consider supporting us by whitelisting our website.