आरक्षण बिल पर गजट प्रकाशित होते ही सीएम नीतीश ने की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक, लागू करने के दिए निर्देश
पटना: सीएम नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री आवास स्थित ‘संकल्प’ में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. ये बैठक तब बुलाई गई जब राज्यपाल ने आरक्षण बिल को मंजूरी देने के बाद गजट को प्रकाशित किया. सीएम नीतीश ने राज्य के सभी सरकारी विभागों में आरक्षण (संशोधन) अधिनियम-2023 के प्रावधानों को लागू करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
सीएम ने दिए निर्देश : बैठक में नीतीश कुमार ने कहा कि सभी दलों की सहमति से बिहार में जाति गणना कराई गई. जाति गणना की रिपोर्ट आने के बाद विधानसभा और विधान परिषद् में चर्चा की गई. उसी आधार पर आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया गया. इस विधेयक सर्वसम्मति से दोनों सदनों में पारित कराया गया. इसका गजट भी आज प्रकाशित हो चुका है. सभी विभाग गजट को ध्यान में रखते हुए बिहार में आरक्षण अधिनियम के प्रावधान को पूरी तरह से लागू करें, ताकि इसका लाभ सभी को तेजी से मिले।
जाति आधारित गणना में लोगों की आर्थिक स्थिति की भी गणना करायी गयी है. जिसके आधार पर तय किया गया है कि प्रत्येक गरीब परिवार को दो लाख रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी. भूमिहीन परिवारों को मकान बनाने के लिए जमीन क्रय के लिए एक लाख रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी. सतत् जीविकोपार्जन योजना के प्रत्येक लाभार्थी को 2 लाख रुपये तक का लाभ दिया जायेगा.”-नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
बच्चों की स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाई: सीएम नीतीश ने कहा कि जब से उनकी सरकार बनी है तब से सभी वर्गों के लिए न्याय के साथ विकास कार्य करा रही है. सभी जाति और हर वर्ग के हितों के लिए उनकी सरकार अनवरत काम कर रही है. बिहार में 12.5 प्रतिशत बच्चे स्कूल नहीं जा पाते थे. उनको स्कूलों में दाखिला करवाया गया. अब इसका रेशियों घटकर आधे प्रतिशत तक रह गई है।
महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने से घटी प्रजनन दर: सीएम नीतीश ने कहा कि जब सर्वे किया गया तो पता चला है कि पति-पत्नी में पत्नी हाई स्कूल पास है तो देश में प्रजनन दर 2 फीसदी थी. बिहार की भी 2 प्रतिशत थी. लेकिन अगर वही पत्नी इंटरमीडिएट पास हो तो प्रजनन दर बिहार का 1.6 और देश का 1.7 हो जाता है. इसीलिए इसको देखते हुए लड़कियों की शिक्षा पर काफी जोर दिया है. लड़कियों के शिक्षित होने से राज्य की प्रजनन दर घटती है. महिलाओं के शिक्षित होने पूरे परिवार एवं समाज के साथ देश और प्रदेश का भी भला होता है।
राज्य में अब तक 1 करोड़ 30 लाख जीविका दीदियां स्वयं सहायता समूह से जुड़ चुकी हैं, अब 1 करोड़ 50 लाख जीविका दीदियों को स्वयं सहायता समूह से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. शहरों में भी अब स्वयं सहायता समूह का गठन किया जाएगा.” – नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
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