महादेव ऐप केस के आरोपी ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया, कहा- मेरा किसी कांग्रेसी नेता से कोई संबंध नहीं; जानें और क्या कहा
महादेव बेटिंग ऐप मामले में ED ने 15 करोड़ रुपये कैश के साथ असीम दास नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया था। दास ने अब ED डायरेक्टर को 10 पन्ने की चिट्ठी लिखकर अपने मामले की दोबारा जांच किए जाने की मांग की है। अपने पत्र में दास ने अपनी गिरफ्तारी और जांच में शामिल ED अधिकारियों के खिलाफ जांच की मांग की है। दास के पत्र की कॉपी इंडिया टीवी के पास है जिसमें उसने दावा किया है की उसे सुभम सोनी और ED के अधिकारियों द्वारा फंसाया जा रहा है। पत्र में उसने कहा है कि वह कोई कूरियर बॉय नहीं हैं और उसका बघेल, वर्मा या कांग्रेस पार्टी के किसी नेता से कोई संबंध नहीं है।
दास ने सोनी को बताया बचपन का दोस्त
दास ने लिखा है कि शुभम सोनी हाल ही में दुबई से एम्स्टर्डम या लंदन गया है, और उसने उससे एक मीटिंग में कहा था कि उसका वीजा जल्द ही समाप्त होने वाला है। सोनी ने कहा कि उनका काम पूरा हो चुका है और 5 नवंबर को वह लंदन या एम्स्टर्डम चला गया। दास ने सोनी को अपने बचपन का दोस्त बताया है जिसके साथ वह क्रिकेट खेलता था। बाद में सोनी महादेव एप्प के पीछे प्रमुख शख्सियतों में से एक बन गया। 10 अक्टूबर को दास सोनी के बुलावे पर दुबई गया था, जहां सोनी ने उसे प्रभावित करने के किए वहां की लग्जरी लाइफस्टाइल दिखाई। हालांकि, इस विजिट में उसकी सोनी से मुलाकात नहीं हुई और वह भारत लौट आया।
‘सोनी ने पैसों से मदद करने के लिए कहा था’
चिट्ठी के मुताबिक, कुछ दिन बाद सोनी ने उसे फोन कर 25 अक्टूबर का टिकट भेजा और एक बार फिर दुबई बुलाया। इस बार दास की मुलाकात सोनी से हुई जिसने छत्तीसगढ़ में उसके कंस्ट्रक्शन बिजनस में मदद का वादा किया। सोनी ने उसे आश्वासन दिया कि रायपुर एयरपोर्ट पहुंचने पर उसे पैसे मिल जाएंगे। बातचीत के दौरान जब उसने महादेव ऐप से संबंधित ED जांच के बारे में पूछा तो सोनी ने आरोप लगाया कि रवि उप्पल और चंद्राकर असली प्रमोटर हैं। सोनी ने उसे कथित तौर पर बताया कि उन लोगों ने मामले को निपटाने के लिए एक बड़े अधिकारी को रिश्वत दी है। उसने दास को अपना कंस्ट्रक्शन बिजनस शुरू करने की सलाह दी और एक मित्र के रूप में पैसों की मदद देने का भी आश्वासन दिया।
‘बाइक सवार लेकर आया था नोटों से भरा बैग’
दास के मुताबिक, उसे उस समय सोनी द्वारा रची गई साजिश समझ नहीं आई थी। जब दास दुबई छोड़नेवाला था तब सोनी के सहयोगियों ने उसे सोनी से बातचीत करने के लिए Apple का एक फोन दिया। उसे बताया गया कि उसके लिए एक काली इनोवा कार बुक की गई है जो उसे रायपुर एयरपोर्ट से ट्राइडेंट होटल ले जाएगी और उसका कमरा भी पहले से ही बुक होगा। जब वह होटल पहुंचा तो उसके पास एक फोन आया जिसमें उसे पैसे लेने का निर्देश दिया गया। दूसरी तरफ के व्यक्ति ने उसे सड़क के किनारे जाने और कार का दरवाजा खोलने का निर्देश दिया। कुछ मिनट बाद एक बाइक सवार नोटों से भरा बैग लेकर आया और कैश इनोवा कार की पिछली सीट पर रख दी।
दास ने कहा- कमरे में आते ही अधिकारी आ गए
दास ने कहा कि बाइक सवार ने उसे फोन भी दिया और आगे की बातचीत के लिए उस फोन का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया। कुछ मिनट बाद कई और बैग कार की पिछली सीट पर रख दिए गए। उसे कहा गया की वह कैश से भरी कार को होटल परिसर में पार्क करे दे और फिर अपने कमरे में चला जाए। दास ने पत्र में यह भी आरोप लगाया है कि उसे फंसाने में सुभम सोनी के साथ ED के अधिकारी भी शामिल थे। उसके आरोपों के मुताबिक, जब वह अपने होटल के कमरे में पहुंचा तो कुछ ही देर बाद ED का एक अधिकारी भी वहां आया और कहा कि सबकुछ बरामद कर लिया गया है। अधिकारी ने उसे बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए अपने साथ आने के लिए कहा और बताया कि उसका बयान पहले ही तैयार कर लिया गया है।
दास ने की CCTV फुटेज की बरामदगी की मांग
दास के मुताबिक, अधिकारी के साथ वह पार्किंग में गया जहां ED के 2 और अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने जबरदस्ती अपने बयान पर उसके हस्ताक्षर ले लिए और कुछ मिनट पहले उसे मिले कैश जब्त कर किए गए। उसने बताया कि यह कैश उसे अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए सोनी से मिला थी। हालांकि उन लोगों ने उसकी बात नहीं मानी और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। दास ने जांच की मांग की और कहा कि उसका कॉल डेटा रिकॉर्ड (CDR) बरामद किया जाए ताकि यह साफ हो सके कि उसे कैश इकट्ठा करने के निर्देश कैसे मिले। इसके अलावा उसने कैश पहुंचाने वाले बाइकर की पहचान करने के लिए सड़क से CCTV फुटेज की बरामदगी की भी मांग की है।
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