छठ के बाद परदेश जाने वालों से ट्रेनों में भारी भीड़ शुरू हो गई है। अगले 10 दिनों तक भागलपुर से खुलने वाली लंबी दूरी की सभी ट्रेनों में आरक्षण लगभग फुल है। ब्रह्मपुत्र मेल में कई दिनों तक नो रूम है। दिल्ली, यशवंतपुर, हावड़ा, सूरत सहित हर जगह की ट्रेनों में पहले से लंबी वेटिंग है। रेलवे ने एक-दो स्पेशल ट्रेन चलाया है, लेकिन जो नियमित ट्रेनें हैं उसपर ज्यादा दबाव है। छठ के लिए पहले से उधना-मालदा समर स्पेशल ट्रेन चलायी जा रही है। एक दिन के लिए बांका से भागलपुर के बीच भी स्पेशल ट्रेन चलायी गई थी।
भागलपुर से दिल्ली के लिए यात्रियों की भीड़ ज्यादा है। दिल्ली और मुंबई के लिए इस साल स्पेशल ट्रेन नहीं दी गई है। गुजरात के उधना स्टेशन से मालदा के लिए एक साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन चलायी जा रही है। वहीं रेगुलर ट्रेनों में कंफर्म बर्थ के लिए तत्काल कोटे से टिकट बुकिंग यात्रियों के पास विकल्प है। तत्काल के लिए स्टेशन पर रतजगा करने और अधिक पैसे खर्च करने के बाद भी बमुश्किल 10 से 15 लोगों को ही टिकट मिल पाता है। इसके बाद वेटिंग आ जाती है। नियमित स्पेशल ट्रेनों की स्थिति ऐसी है कि विक्रमशिला एक्सप्रेस में पहले से लंबी वेटिंग चल रही है। हावड़ा जाने वाली सुपर एक्सप्रेस और गया-हावड़ा एक्सप्रेस में भी छठ के बाद आरक्षण में लंबी वेटिंग है। हालांकि हावड़ा जाने के लिए दिन में चलने वाली कविगुरु एक्सप्रेस एक विकल्प है, जिसमें बिना आरक्षण के भी ज्यादा संख्या में यात्री सफर कर सकते हैं। हालांकि इस ट्रेन के चेयरकार में वेटिंग है। रेलकर्मियों का कहना है कि नियमित स्पेशल ट्रेनों के एसी ही नहीं, स्लीपर में भी लंबी वेटिंग है। आरक्षण काउंटर के कर्मचारियों की मानें तो छठ के बाद स्लीपर श्रेणी में भी जिन यात्रियों का टिकट 15-20 से अधिक वेटिंग है, उसमें कन्फर्म होने की संभावना कम है। कोई टिकट रद्द होने की संभावना न के बराबर होती है। रेलकर्मियों का कहना है कि सर्वाधिक भीड़ दिल्ली की ट्रेनों में है। वहीं मुंबई और दक्षिण भारत के लिए सामान्य दिनों में भी लंबी वेटिंग की स्थिति रहती है। क्योंकि अधिकांश ट्रेनें सप्ताहिक चलती है। अभी त्योहार के समय में इन ट्रेनों में और भीड़ गई है।
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