भागलपुर-हंसडीहा फोरलेन (एनएच 133 ई) के निर्माण में जमीन अधिग्रहण के पेच ने सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) की नींद उड़ा दी है। एलायनमेंट के अनुसार रजौन और आसपास इलाके के लगभग 200 लोगों के मकान टूटेंगे।

मकान टूटने के विरोध में गृहस्वामियों ने एकजुट होकर आपत्ति जतायी है। गृहस्वामी मुआवजा लेने को भी तैयार नहीं है। विरोध करने वाले किसी कीमत पर फोरलेन में निर्मित मकान का भाग नहीं जाने देना चाह रहे हैं। विभाग ने अधिग्रहण की प्रक्रिया फिलहाल रोक दी गई है। 63 किलोमीटर लंबी परियोजना के पहले फेज में ढाका मोड़ तक निर्माण में अड़ंगे से इस प्रोजेक्ट के शुरू होने में देरी होना तय है। बता दें कि यह प्रोजेक्ट करीब 980 करोड़ का है। जानकारी के मुताबिक अभी विभाग द्वारा थ्री-डी कार्यवाही के तहत रैयतों को मैसेज भेजा गया है। जिस पर करीब 200 लोगों ने आपत्ति जताई है। आपत्तियों के निराकरण को लेकर एनएच विभाग और काला (डीसीएलआर) विभाग ने लोगों को समझाने की कोशिश की। लेकिन, रैयत मानने को तैयार नहीं हुए। अधिग्रहण के पेच को देखकर एनएच विभाग ने टेंडर के टेक्निकल बिड खोलने की प्रकिया को भी फिलहाल होल्ड पर रख दिया है। मकान टूटने का जब तक समाधान नहीं हो जाता है, तब तक यह होल्ड पर रहेगा। तकनीकी निविदा एक माह पहले खुलनी थी। एनएच के कार्यपालक अभियंता बृजनंदन कुमार ने कहा कि रजौन में मकान टूटने का गृहस्वामियों ने विरोध किया है। जिससे टेंडर को होल्ड कर दिया गया है। मामले को सुलझाने के लिए मुख्यालय स्तर पर बैठक चल रही है। मामला सुलझने के बाद ही आगे की प्रक्रिया पूरी होगी।


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Adblock Detected!

Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please consider supporting us by whitelisting our website.