सर्दी और खांसी-जुकाम में इन 5 तरह के काढ़ा जरूर ट्राई करें, रामबाण है इलाज….
काढ़ा एक आयुर्वेदिक उपचार है, जो आपको मौसमी संक्रमण से लड़ने में भी मदद कर सकता है। भारतीय घरों में आसानी से पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के साबुत मसालों और किचन में इस्तेमाल किए जाने वाले तरह-तरह की सामग्रियों से काढ़ा तैयार कर सकते हैं। यह सेहत के लिए शानदार विकल्प है, तो आइए जानते हैं कौन-से काढ़ा आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। तुलसी का काढ़ा एक पैन में पानी उबालें।
अब इसमें तुलसी के पत्ते, 1 छोटा चम्मच काली मिर्च , 1 छोटा चम्मच दालचीनी पाउडर और 1 छोटा चम्मच कसा हुआ अदरक डालें। इस मिश्रण को अच्छी तरह मिलाएं। इसे 10-15 मिनट तक उबलने दें । इसके बाद इसे छान लें। जब यह ठंडा हो जाए, तो इसे पिएं। यह इम्युनिटी बूस्टर के रूप में काम करता है। जिससे सर्दी-जुकाम और खांसी से बच सकते हैं। इसके अलावा यह काढ़ा पाचन के लिए भी फायदेमंद है।
गिलोय काढ़ा
इस काढ़ा को बनाने के लिए 1 चम्मच गिलोय गुडूची को पीस लें। इसके बाद इसे पानी में मिक्स करें और इसे उबालें। यह काढ़ा फ्लू से लड़ने में आपकी मदद करता है।
दालचीनी का काढ़ा
इस काढ़ा को बनाना काफी आसान है, इसे बनाने के लिए एक पैन में एक- दो कप पानी डालें। अब इसमें दालचीनी पाउडर मिलाएं। इस मिश्रण को अच्छी तरह उबालें। चाहें तो आप इसमें एक चम्मच शहद भी मिक्स कर सकते हैं। यह शरीर की ताकत बढ़ाने के साथ आपको मौसमी बीमारियों से बचाने में मदद करता है।
अजवाइन का काढ़ा
अजवाइन में औषधीय गुण होते हैं, जो शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। इसमें कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, फाइबर, आयोडीन, मैंगनीज जैसे तमाम पोषक तत्व पाए जाते हैं। कई लोग अजवाइन को गर्म पानी के साथ खाते हैं, इसके अलावा आप अजवाइन का काढ़ा भी बना सकते हैं, इसके लिए एक पैन में पानी और दो चम्मच अजवाइन डालें। इस मिश्रण को उबाल लें। इसे पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और पाचन के लिए भी फायदेमंद है।
तुलसी और काली मिर्च का काढ़ा
सर्दियों में कमजोर इम्युनिटी के कारण लोग अक्सर सर्दी-खांसी की समस्या से परेशान रहते हैं। इस मौसम में संक्रमण से लड़ने के लिए आप रोजाना तुलसी का काढ़ा पी सकते हैं। इसे बनाने के लिए एक पैन में पानी गर्म करें, इसमें तुलसी के पत्ते, दालचीनी, काली मिर्च और सूखी अदरक मिलाएं। इस मिश्रण को कुछ देर तक उबाल लें, फिर इसे छान लें। जब गुनगुना हो जाए, तो इसे पिएं।
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