दरभंगा में एम्स निर्माण का रास्ता साफ, केंद्र की शर्तों पर राज्य राजी
भारत में उच्च शिक्षा, चिकित्सा, और अनुसंधान के क्षेत्र में प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों में से एक है। ये संस्थान उच्च स्तरीय चिकित्सा देखभाल, शिक्षा, और अनुसंधान के क्षेत्र में अपने प्रमुख सांस्कृतिक क्षेत्रों के लिए प्रसिद्ध हैं। भारत में कई आईएम्स हैं, जैसे कि नई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, जोधपुर, भोपाल, पटना, भुवनेश्वर, रायपुर, रांची, राजकोट, बथिंडा, नागपुर, गोरखपुर, रामपुर, बिलासपुर, बीबी नागर, रायगड, बदखल, डेल्ली, मधुरै, वियादुक्कम, गोवा, नगर, बिल्गांव, राजकोट, बिल्सपुर, विरुधुनगर, नेल्लौर, डेल्ली, मधुरै, वियादुक्कम, गोवा, नगर, बिल्गांव, राजकोट, बिल्सपुर, विरुधुनगर, नेल्लौर, और भारतीय आईएम्स विज्ञान विश्वविद्यालय (AIIMS) नई दिल्ली। इनमें से प्रत्येक का अपना विशेषज्ञता क्षेत्र होता है और वे चिकित्सा सेवाएं, शिक्षा, और अनुसंधान क्षेत्र में अग्रणी रूप से योगदान करते हैं।
दरभंगा के शोभन बाइपास पर एम्स निर्माण का रास्ता लगभग साफ हो गया है। केन्द्र सरकार की शर्तों के अनुरूप राज्य सरकार यहां मिट्टी भराई का काम करने, चार लेन सड़क और बिजली की भी सुविधा बहाल करने पर राजी हो गई है।
बिहार सरकार स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत और संयुक्त सचिव सुधीर कुमार ने गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव सुधांश पंत से मिलकर बिहार सरकार का पक्ष रखा। केंद्र सरकार के सभी शर्तों को पूरा करने संबंधित राज्य सरकार की ओर से एक पत्र भी सौंपा। साथ ही दरभंगा में अविलंब निर्माण कार्य शुरू करने का अनुरोध भी किया।
केंद्र सरकार ने शर्त नहीं मानने पर दूसरी जगह जमीन उपलब्ध कराने को कहा था। राज्य सरकार के सहमत होने के बाद शोभन में एम्स बनने की सारी अड़चन दूर हो गई है। चिह्नित स्थल ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर से मात्र तीन किलोमीटर पर है। आमस-दरभंगा फोरलेन से यह महज पांच किलोमीटर तो दरभंगा एयरपोर्ट से 10 किलोमीटर की दूरी पर है। चिह्नित भूखंड पर मिट्टी भराई के लिए राज्य सरकार 309 करोड़ रुपये स्वीकृत कर चुकी है। राज्य सरकार एम्स के निर्माण के लिए 151.17 एकड़ में से 113.86 एकड़ भूमि निशुल्क हस्तांरित कर चुका है। इसके निर्माण से कोसी-सीमांचल के लोगों को भी इलाज में सुविधा होगी।
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