केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे को लेकर सियासत तेज हो गई है। विपक्षी दलों का कहना है कि भले ही शाह आ रहे हों लेकिन बिहार को इसका कोई फायदा नहीं मिलने वाला है। बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने शाह के दौरे को लेकर हो रही सियासत पर पलटवार किया है। सम्राट ने कहा है कि अमित शाह क्षेत्रीय परिषद की बैठक में शामिल होने के लिए आ रहे हैं ना कि पार्टी के कार्यक्रम में शामिल होने आ रहे हैं। कौन क्या बोलता है इससे मतलब नहीं है लेकिन वे बिहार के विकास के लिए जरूर आ रहे हैं। बिहार का जो एजेंडा है सरकार उसे बताए और जो उचित फोरम है उसपर अपनी बात को रखे।

वहीं शाह के दौरे से पहले जेडीयू द्वारा विशेष राज्य के दर्जा की मांग उठाने पर सम्राट ने कहा कि जब लालू प्रसाद सत्ता में थे तो उन्होंने ही विशेष दर्जे को समाप्त कराने का काम किया था। रघुराम राजन कमेटी जब बनी थी उस वक्त लालू प्रसाद केंद्र की यूपीए सरकार में सहयोगी थे। कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी तब बिहार के प्रस्ताव को रिजेक्ट कर दिया था। नीतीश कुमार आज जिस चीज की मांग कर रहे हैं उसे आधिकारिक तौर पर कांग्रेस और राजद ने रद्द करने का काम किया था।

सम्राट ने कहा कि विशेष राज्य के दर्दा पर आरजेडी और कांग्रेस को बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। बिहार को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग का बीजेपी पहले भी समर्थन कर रही थी, आज भी कर रही है और आगे भी करती रहेगी। तत्कालीन अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार ने उस वक्त बिहार को चार हजार करोड़ रुपए का स्पेशल पैकेज दिया था जबकि नरेंद्र मोदी की सरकार ने बिहार के लिए एक लाख पैंसठ हजार करोड़ रुपए के बजट का अलग से प्रावधान किया।

उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार द्वारा इतनी मदद के बावजूद नीतीश कुमार आज भी कटोरा लेकर खड़ा हैं। दो लाख इकसठ हजार करोड़ के बजट में लगभग दो लाख करोड़ रुपया भारत सरकार देती है। नीतीश कुमार के पास तो महज 32 हजार करोड़ का ही बजट है। वह बी सबसे अधिक वैट वसूलने का काम नीतीश कुमार की सरकार कर रही है। देश में सबसे अधिक कहीं पेट्रोल और डीजल का दाम है तो वह बिहार में ही है।


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Adblock Detected!

Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please consider supporting us by whitelisting our website.