महिलाओं की समस्याओं और शोषण पर करारा प्रहार है “स्पेस” का नुक्कड़ नाटक “औरतें उठी नही तो
“स्पेस” का नुक्कड़ नाटक “औरतें उठी नही तो” महिलाओं की समस्याओं और शोषण पर करारा प्रहार
महिलाओं की समस्याओं और शोषण पर करारा प्रहार है “स्पेस” का नुक्कड़ नाटक “औरतें उठी नही तो”
खगौल। महिलाओं की शिक्षा एवं सशक्तिकरण के महत्व पर विशेष बल देते हुए नाट्य संस्था “स्पेस” (सोसायटी फॉर प्रमोशन ऑफ आर्ट एंड एजुकेशन) संस्था ने एक नुक्कड़नाटक “औरतें उठी नहीं तो” की प्रस्तुति की।
उदय कुमार लिखित एवं नवाब आलम निर्देशित इस नाटक की प्रस्तुति दानापुर रेलवे स्टेशन के बाहरी परिसर में की गई। गीत-संगीत से भरपूर इस नाटक में दर्शाया गया कि घर-परिवार, समाज में महिलाओं के साथ भेदभाव किया जाता है। यह भेदभाव उनके जन्म से लेकर, शिक्षा, खेलकूद पर पाबंदी के साथ पूरे जीवन भर अलग-अलग रूपो में जारी रहता है। कभी परंपरा के नाम पर, कभी भय, लोक लाज आदि का हवाला देकर महिलाओं की पर कई तरह की बंदिशे लगा दी जाती है।
नाटक में विशेषकर मुस्लिम महिलाओं की स्थिति को दर्शाने की कोशिश की गई। प्रस्तुति में लोक जीवन में प्रचलित महिलाओं की पोड़ा, दर्द, दशा एवं दिशा की अभिव्यक्ति के लोक गीतों का सुंदर समावेश किया गया था, जिससे दर्शकगण काफी प्रभावित हुए।
नाटक में यह संदेश दिया गया कि महिला चाहे वह किसी धर्म, समुदाय की हो, उसका शिक्षित होना बेहद जरूरी है। महिलाएँ आज हर क्षेत्र जैसे- अंतरिक्ष की उड़ान, खेल, शिक्षा, ज्ञान – महान, सेना, डाक्टर, वकील, आदि सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रहीं हैं। महिलाओं को बढ़ने दो, पढ़ने दो, उड़ने दो, उन्हें नया आसमान गढ़ने दो।
नाटक के पूर्व अपने संबोधन में स्पेस के अध्यक्ष वरिष्ठ रंगकर्मी उदय कुमार ने नाटक की सराहना करते हुए कहा कि इस नाटक की प्रस्तुति लोगों के बीच अधिक से अधिक की जानी चाहिए। महिलाओं मे शिक्षा का प्रचार-प्रसार बेहद जरूरी है।
नाटक के निर्देशक नवाब आलम ने कहा कि स्पेस संस्था महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एक अभियान की तरत इस तरह के नाटकों का लगातार प्रदर्शन करती रहेगी।नाटक में राजेश कुमार, गुलशन पांडे, राम विलास यादव, सूरज, सबीना खातून, प्रीति, अंकिता, प्रियंका, सौरभ, मुग्दल पूरी आदि कलाकारों ने अपने अभिनय से लोगों को नाटक देखने के लिए मजबूर कर दिया।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.