ससंद भवन सुरक्षा मामले के मास्टरमाइंड बिहार के ललित झा के कारनामे से स्तब्ध हैं परिवार-गांव के लोग
ससंद की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना के मास्टरमाइंड ललित झा के कारनामे ने बिहार के दरभंगा जिले के रामपुर उदय गांव के लोगों को हैरान कर दिया है. ललित झा दरभंगा के बहेड़ा थाने के रामपुर उदय गांव का ही मूल निवासी है. उसके पिता पंडित का काम कर रोजी-रोटी चलाते हैं, भाई बिजली मिस्त्री का काम करता है.
संसद में घुसपैठ के बाद जब ललित झा का नाम और चेहरा सामने आया तो न परिवार के लोगों को इसका यकीन हुआ और ना ही गांव के लोगों को. वैसे बिहार की पुलिस ने ललित झा के घर पहुंच कर उसके संबंध में छानबीन शुरू कर दिया है.
शुक्रवार को दरभंगा पुलिस ललित झा के पैतृक घर पहुंची. घर में उसके पिता देवानंद झा और परिवार के कुछ और लोग मौजूद थे. पुलिस ने देवानंद झा के साथ साथ गांव के लोगों से भी ललित झा के बारे में जानकारी हासिल की.
दरभंगा के SSP अवकाश कुमार ने मीडिया को बताया कि ललित की पारिवारिक पृष्ठभूमि बेहद सामान्य है. पुलिस ने उसके घर और आसपास के लोगों से भी उसके बारे में पूछताछ की लेकिन अब तक कोई खास जानकारी नहीं मिल पायी है.
दरभंगा के रामपुर उदय गांव के लोगों ने बताया कि ललित और उसके परिवार के पास बहुत कम धन संपत्ति है. गांव में रहकर रोजी-रोटी चलाना संभव नहीं था इसलिए पूरा परिवार पश्चिम बंगाल में रहने लगा था. पर्व त्योहार और खेती के मौके पर ललित झा और उसके परिवार का गांव में आना-जाना होता है.
ललित झा के पिता देवानंद झा पंडित हैं और बंगाल में ही पूजा-पाठ कर अपना परिवार चलाते हैं. ललित झा का छोटा भाई बंगाल में ही बिजली मिस्त्री का काम करता है. एक और भाई कपड़े की दुकान में काम करता है.
ललित झा के पिता देवानंद झा ने कहा कि वे खेती-बाड़ी के काम से गांव आते रहते हैं. उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि बेटा ऐसी घटना को अंजाम दे रहा है. देवानंद झा ने कहा कि बेटे की करतूत से परिवार मर्माहत और सकते में है. गांव के लोग भी हैरान हैं. ललित झा के गांव के लोगों ने पुलिस को जानकारी दी कि ललित के पिता देवानंद झा पश्चिम बंगाल में रहकर पूजा-पाठ कराते हैं.
ललित तीन भाइयों में मंझला है. उसका बड़ा भाई सोनू झा बंगाल में ही कपड़े की दुकान में नौकरी करता है. एक छोटा भाई शंभू झा है जो बिजली मिस्त्री का काम करता है.
पुलिस को शक है कि ललित झा ने पूरी प्लानिंग के तहत इस घटना को अंजाम दिया है. वह एक एनजीओ के लिए काम करता है और उस एनजीओ की भूमिका संदिग्ध है. पुलिस ने ललित झा को अदालत में पेश कर सात दिनों के रिमांड पर ले लिया है.
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