संसद की सुरक्षा चूक मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल जांच कर रही है। पुलिस अब तक इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। सभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। इस मामले में पुलिस को कई अहम सुराग और तथ्य हाथ लगे हैं। समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, इस कांड के मास्टरमाइंड ललित ने इस घटना से सम्बन्धित वीडियो व्हाट्सएप पर साझा किए थे।
कोलकाता के सौरभ को भेजा था वीडियो
सूत्रों के अनुसार, ललित झा ने यह वीडियो ना ही सिर्फ साझा किया बल्कि इसे फ़ॉरवर्ड करने को भी कहा। जांच में सामने आया है कि ललित ने कोलकाता में रहने वाले सौरभ चक्रवर्ती को यह वीडियो भेजा था और इसे आगे शेयर करने को भी कहा था। सूत्रों ने कहा, “पुलिस ने आरोपी झा की व्हाट्सएप चैट और सौरव को भेजा गया वीडियो भी बरामद कर लिया है, जैसा कि पूछताछ के दौरान उसने बताया था। उसने वीडियो को अन्य लोगों के साथ भी साझा किया था।”
पुलिस ने नागौर इलाके से चार जले हुए फ़ोन बरामद किए
वहीं इससे पहले जांच कर रही स्पेशल सेल ने राजस्थान के नागौर इलाके से मोबाइल फोन के हिस्से बरामद किए हैं, जहां संसद की सुरक्षा में सेंधमारी के मामले के कथित साजिशकर्ता ललित झा ने पहले मोबाइल को तोड़ा और फिर जला दिया था। जांच से जुड़े एक सूत्र ने कहा, “सबूत हासिल करने के लिए झा को राजस्थान ले जाया गया और हमने टूटे हुए फोन बरामद किए हैं।” झा ने 13 दिसंबर को अपनी योजना को अंजाम देने से ठीक पहले चार अन्य आरोपियों के मोबाइल फोन ले लिए थे और वहां से भाग निकला था।
ललित झा के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज
राजस्थान से जले हुए फोन की बरामदगी के बाद पुलिस ने पहले से दर्ज एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 201 (सबूत नष्ट करना/साक्ष्य गायब करना) जोड़ने का फैसला किया है। पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में झा के खिलाफ दर्ज मामले में धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 452 (अतिक्रमण), 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 186 (लोक सेवकों को सार्वजनिक कार्यों में बाधा डालना), आईपीसी की धारा 353 (लोक सेवकों को ड्यूटी से रोकने के लिए हमला ) के साथ ही यूएपीए की धारा 16 और 18 शामिल हैं।
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