बांका में अब जात के बदले जमात की राजनीति करने वाले बहुतेरे नेता नहीं बचे हुए हैं। ऐसे में जातिगत जनगणना के रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद सभी जातियों का महासम्मेलन आयोजित करने की होड़ सी मची हुई है। गुरुवार को बांका में आयोजित धानुक उत्थान अधिकार सम्मेलन में धानुक जाति के लोगों की सभी जिलों से बैठक बुलाई गई थी। जिसमें प्रदेश अध्यक्ष बलराम मंडल धानुक जाति के उत्थान के लिए सरकार से इसे एससी एसटी का दर्जा देने के मांग के साथ ही शहीद रामफल मंडल की प्रतिमा सभी जिले में स्थापित करने की मांग प्रमुखता से की गई।
महासम्मेलन में धानुक संघ के नेताओं द्वारा एक दूसरे का मान सम्मान किया जा रहा था तभी बैठक एकाएक हंगामादार हो गई। बवाल तब खड़ा हुआ जब संगठन के प्रदेश स्तरीय नेताओं का काफिला बांका के चंद्रशेखर सिंह नगर भवन में पहुंचा तो उनके लग्जरी वाहनों पर बीजेपी पार्टी का झंडा लगा हुआ देखने के बाद बांका के स्थानीय धानुक समाज के लोग जिनका विभिन्न राजनीतिक दलों से भी ताल्लुकात है,अपना नाक मुंह सिकुड़ने लगे।
एक तरफ अधिकार सम्मेलन का बैठक और मान सम्मान का दौरा चला रहा तो दूसरी तरफ कुर्सी पर बैठे स्थानीय धानुक समाज के युवाओं की टोली ने उठकर सम्मेलन का बहिष्कार करना शुरू कर दिया। स्थानीय धानुक जाति के कार्यकर्ता ने कहा कि धानुक जाति के लोगों को लोग छलने का काम कर रहे हैं।
इस सम्मेलन का निमंत्रण गांव गांव जाकर संघ द्वारा दिया गया और जाति के उत्थान के लिए किसी राजनीतिक दल से हटकर संगठित होने के उद्देश्य से गांव गांव में चंदा इकट्ठा कर बैठक बुलाई गई लेकिन शीर्ष नेतृत्व द्वारा किसी पार्टी विशेष का झंडा लगाकर सम्मेलन में आना एक छलावे जैसा है।बांका के धानुक किसी झांसे में नहीं आएंगे।सम्मेलन में बीजेपी,जेडीयू,राजद जैसे तमाम दलों से जुड़े नेताओं का जुटान हुआ था।
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