चाचा-भतीजे की लड़ाई में सांसद वीणा देवी की एंट्री, पशुपति पारस और चिराग पासवान को दे डाली सलाह
बिहार के हाजीपुर सीट को लेकर केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच राजनीतिक लड़ाई शुरू हो गई है. चाचा और भतीजा दोनों इस सीट पर अपना दावा ठोक रहे हैं. अब इस मामले में वैशाली लोकसभा से सांसद वीणा देवी की एंट्री हो गई है. वीणा देवी ने शनिवार को बड़ा बयान देते हुए कहा है कि आपसी लड़ाई को इगो ना बनाएं और दोनों एक साथ हो जाएं हम लोगों का यही विचार है।
दरअसल स्वर्गीय रामवलास पासवान की कर्मभूमि हाजीपुर क्षेत्र पर दावे को लेकर चाचा पशुपति पारस और भतीजे चिराग पासवान के बीच विरासत की लड़ाई तेज हो गई है. लोजपा (रामविलास) सुप्रीमो चिराग पासवान ने पिता रामविलास पासवान की परंपरागत सीट और चाचा केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की संसदीय सीट हाजीपुर पर अपनी दावेदारी ठोक दी है. दूसरी तरफ चाचा पारस ने भी कहा दिया है कि हाजीपुर के लोगों का आशीर्वाद मेरे साथ है, 2.5 लाख वोट से मुझे जिताया है।
चाचा और भतीजे के बीच राजनीतिक विरासत की लड़ाई में एलजेपी सांसद वीणा देवी ने एंट्री की है और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस और चिराग पासवान को नसीहत दी है. सांसद वीणा देवी ने चाचा और भतीजे को एकजुट हो जाने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि परिवार में अक्सर लड़ाई- झगड़ा होता रहता है. यह पारिवारिक मामला है. इस मामले का हल चाचा -भतीजा मिलकर निकालेंगे. उन्होंने कहा कि हम लोग भी चाहते हैं कि एक साथ हो जाए, इतना ही नहीं सांसद वीणा देवी ने कहा कि हमारी कोशिश भी यही रहेगी कि चाचा और भतीजा एक साथ हो जाए. सांसद वीणा देवी ने कहा कि मैं लोक जनशक्ति पार्टी में पहले भी रही हूं और आगे भी रहूंगी।
बता दें कि केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस का दावा है कि मरने से पहले रामविलास पासवान ने उन्हें हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने और क्षेत्र की जनता की सेवा करने की जिम्मेदारी दी थी. पशुपति पारस कई बार कह चुके हैं कि रामविलास पासवान की राजनीतिक विरासत पर उनका अधिकार है. वहीं दूसरी तरफ लगातार चिराग पासवान हाजीपुर संसदीय क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं और यह कह रहे हैं कि हमारे पिता ने हमेशा हाजीपुर को मां का दर्जा दिया है और पिता के ना रहने पर यह मेरा कर्तव्य है कि मैं हाजीपुर की जनता की सेवा करूं और पिता के अधूरे सपने को पूरा करूं. चिराग ने साफ तौर पर कह दिया है कि हाजीपुर हमारे पिता का क्षेत्र है मैं हाजीपुर को नहीं छोड़ सकता हूं।
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