मुजफ्फरपुर में इंजीनियरिंग कॉलेज का छात्र निकला साइबर अपराधी, तीन लोग गिरफ्तार
बिहार के मुजफ्फरपुर में साइबर फ्रॉड कर तीस लाख से अधिक की ठगी करने वाले इंजीनियरिंग के दो छात्र समेत तीन युवकों को गिरफ्तार किया गया है. दो युवक मुजफ्फरपुर के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र हैं और दोनो इलेक्ट्रॉनिक्स के फोर्थ सेमेस्टर के बताए जा रहे हैं. तीसरा युवक इनका साथी है, इनके पास से मोबाइल समेत अन्य सामान जब्त किए गए हैं, पूछताछ में पता चला कि गिरोह के सरगना नालंदा व पटना में बैठे हैं।
आधा दर्जन से अधिक सीएसपी संचालकों ने की थी शिकायत
मामले को लेकर साइबर थाना के अपर थानाध्यक्ष शमीम अख्तर हवाड़ी ने बताया कि पिछले दिनों लक्ष्मी चौक, सरैयागंज टावर समेत अन्य इलाके के आधे दर्जन सीएसपी संचालकों ने ठगी को लेकर पुलिस से शिकायत की थी. गिरफ्तार आरोपियों में अरवल जिले के मेलदईया का आकाश कुमार, राज कुमार और गया जिले के खिजरसराय का फैज्जन अली शामिल है. इसमें आकाश और फैजान इलेक्ट्रानिक्स के फोर्थ सेमेस्टर का छात्र बताया गया है, वहीं राज कुमार दोनों का दोस्त है।
मामले की जांच शुरू की गई, जिसमें वैज्ञानिक जांच के आधार पर साक्ष्य संकलन करने के बाद तीनों ठगों को चतुर्भुज स्थान इलाके से पकड़ा गया. ये तीनों चतुर्भुज स्थान इलाके में एक सीएसपी संचालक के पास इसी तरह से ठगी करने को पहुंचे थे.”-शमीम अख्तर हवाड़ी, अपर थानाध्यक्ष, साइबर थाना
यूपीआई के जरिए हो रहा था खेल
पुलिस का कहना है कि नालंदा व पटना वाले सरगना द्वारा इन सभी को नया सिम और डेबिट कार्ड दिया जाता था. इसके बाद उसके जरिए यूपीआइ एकाउंट बनाकर फ्रॉड की राशि सरगना द्वारा इनके इस खाते में भेजी जाती थी. इसके बाद में ये लोग बहाना बनाकर सीएसपी संचालकों के खाते में उसी यूपीआइ से राशि ट्रांसफर कर कैश लेते थे. इसके बदले इन सभी को पांच प्रतिशत कमीशन मिलता था।
फर्जी ढंग से बनाया आधार
दूसरी ओर फ्रॉड की राशि निकाले जाने पर सीएसपी जांच के घेरे में आ जाता था. इससे कई सीएसपी का खाता फ्रीज होने लगा और वो परेशान हो गए. यह शिकायत साइबर थाने में की गई. पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि तीस लाख से अधिक की ठगी कर चुके हैं. इसके बदले उन्हें करीब डेढ़ लाख रुपये की कमाई हुई है. इन लोगों के द्वारा फर्जी ढंग से मुजफ्फरपुर का आधार कार्ड भी बनवा लिया गया था. पुलिस इसकी जांच कर आगे की कार्रवाई में जुटी है. इनके कॉलेज के प्राचार्य से पत्राचार किया जाएगा, जिससे छात्रों के विरुद्ध कॉलेज प्रशासन की ओर से भी कार्रवाई की जा सके।
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