Success StoryMotivation

हादसे में गंवाया दाहिना हाथ, 3 बार असफल हुईं, हिम्मत नहीं हारीं, चौथे प्रयास में क्रैक किया UPSC

मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है. ये लाइन केरल की थिरुवनंतपुरम की रहने वाली अखिला बी.एस. पर बिल्कुल फिट बैठती है, जिन्होंने पांच साल की उम्र में एक हादसे के दौरान अपना दाहिना हाथ गंवा दिया, लेकिन अपनी कमजोरी को अपने सपनों के आगे रुकावट नहीं बनने दीं और बुलंद हौसलों के साथ UPSC की परीक्षा क्रैक कर 760वीं रैंक ले आईं.

Fw7 m0 acAE9 A 64706e40f1439.jfif jpg

सड़क हादसे में गंवाया एक हाथ

कॉटन हिल गर्वनमेंट गर्ल्स हाई स्कूल के पूर्व प्रिंसिपल के बुहारी की दूसरे नंबर की बेटी अखिला 11 सितंबर 2000 को एक हादसे का शिकार हुई थीं. बस दुर्घटना में उनका दाहिना हाथ कंधे से नीचे तक बुरी तरह ज़ख्मी हो गया था. उन्होंने जर्मनी के डॉक्टर्स से परामर्श लिया. लेकिन, तमाम कोशिशों के बावजूद उनका हाथ ठीक नहीं हो सका जिसकी वजह से कंधे के नीचे तक उनका दाहिना हाथ काटना पड़ गया.

हादसे के बाद अखिला का परिवार बेटी को लेकर चिंतित था. मगर अखिला का हौसला पस्त नहीं हुआ. उन्होंने अपने बाएं हाथ से अपने दैनिक कार्यों को करना शुरू किया. बाएं हाथ से लिखने की प्रैक्टिस की. अखिल बचपन से एक होनहार छात्रा थीं. दसवीं के एग्जाम में वह टॉपर रही थीं.

तीन बार हुईं असफल, मगर हिम्मत नहीं हारीं

आईआईटी मद्रास से इंटिग्रेटेड एमए की डिग्री हासिल करने के बाद अखिला UPSC सिविल सर्विस जैसी कठिन परीक्षाओं की तैयारी में जुट गईं. साल 2020 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा में बैठीं, लेकिन असफल रहीं. फिर साल 2021 और 2022 में भी निराशा हाथ लगी. अखिला ने अपने तीनों प्रयास में प्रीलिम्स क्लियर कर लिया था, लेकिन दो बार लिस्ट में उनका नाम नहीं था.

असफलताओं ने अखिला को अपने सपने पूरा करने से नहीं रोक सकीं. उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि एक शिक्षक ने उन्हें कलेक्टर के पेशे के बारे में बताया था. तभी से उन्होंने UPSC की तैयारी करने के लिए प्रेरित हुईं. उन्होंने एक साल के लिए बैंगलोर के एक संस्थान से कोचिंग ली. इसके बाद केरल वापस आ गईं. वहां तिरुवनंतपुरम की एक कोचिंग में दाखिला ले लिया.

अखिला को तैयारी के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत थी, मगर वो लंबे समय तक सीधे नहीं बैठ सकती थीं. परीक्षा में लगातार तीन से चार घंटे बैठना उनके लिए एक मुश्किल कार्य था. कमर दर्द के साथ सीधे बठकर बाएं हाथ से लिखना उनके लिए बड़ी चुनौती थी. मगर, कोशिश करने वालों की कहाँ हार होती है. अखिला ने भी हर मुश्किलों का डटकर मुकाबला किया और चौथे प्रयास में UPSC क्लियर कर दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बन गईं.

 

अखिला ने न्यूज एजेंसी को बताया “मैं खुश हूं. मैं 2020 में अपना पहला प्रयास किया था. लेकिन यह पहली बार है जब मैं सूची में जगह बना पाई हूं. मेरा उद्देश्य एक आईएएस अधिकारी बनना है और इस रैंक (760) के साथ, मैं इसे प्राप्त नहीं कर पाऊंगी. मैं आईएएस रैंक हासिल करने के लिए आगामी परीक्षा की तैयारी करूंगी.”


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Kumar Aditya

Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

मत्स्य पालन और जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कार्यशाला आयोजित बिहार में बाढ़ राहत के लिए भारतीय वायु सेना ने संभाली कमान बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने रवाना हुए सीएम नीतीश पति की तारीफ सुन हसी नही रोक पाई पत्नी भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी स्पैम कॉल : दूरसंचार कंपनियों ने 50 संस्थाओं को बैन किया, 2.75 लाख कनेक्शन काटे भागलपुर : युवक का अवैध हथियार लहराते फोटो वायरल भागलपुर में पार्षद नंदिकेश ने तुड़वाया वर्षों से बंद पड़े शौचालय का ताला ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से स्कूल परिसर में किया पौधारोपण CM नीतीश कुमार पहुंचे रोहतास