अभिनेत्री एवं पूर्व सांसद जयाप्रदा पर कानून का शिकंजा कस गया है। आचार संहिता उल्लंघन के दो मामलों में गैर जमानती वारंट जारी होने के बावजूद कोर्ट में हाजिर न होने पर उनकी गिरफ्तारी को पुलिस ने जयाप्रदा के स्थानीय से लेकर दिल्ली और मुम्बई के ठिकानों पर छापे मारे। वह अभी तक पुलिस के हाथ नहीं आयी हैं।

फिलहाल पुलिस के आगे 10 जनवरी को उन्हें लाकर कोर्ट में पेश करना चुनौती बना हुआ है। जयाप्रदा रामपुर सीट से 2019 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं। उनके खिलाफ स्वार और केमरी थाने में चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ था। इनमें स्वार में दर्ज मामले में उन पर आचार संहिता लागू होने के बावजूद 19 अप्रैल को नूरपुर गांव में सड़क का उद्घाटन करने का आरोप है।

दूसरा मामला केमरी थाने का है। इसमें उन पर पिपलिया मिश्र गांव में आयोजित जनसभा में आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगा था। दोनों मामलों में पुलिस ने जांच पूरी कर आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिए थे। मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है। इन मामलों में पिछली कई तारीखों से जयाप्रदा कोर्ट में पेश नहीं हो रही थीं।
इस पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए थे। इसके साथ ही कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक को एक टीम का गठन कर गिरफ्तार करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट से निर्देश के बाद पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने एक टीम को दिल्ली और मुंबई के लिए रवाना किया। टीम ने दिल्ली और मुंबई में कई जगह जयाप्रदा की तलाश में छापे मारे लेकिन, सफलता हाथ नहीं लग सकी।
पुलिस की ताबड़तोड़ दबिश के चलते जयाप्रदा और उनके स्टाफ में हड़कंप मचा हुआ है। बकौल पुलिस उनके स्टाफ ने मोबाइल बंद किए हुए हैं, जिससे पुलिस को ढूंढने में ज्यादा माथा पच्ची करनी पड़ रही है।

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