अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन होने वाला है। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश की बड़ी हस्तियों को निमंत्रण भेजा जा रहा है। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होकर भेजे जा रहे निमंत्रण को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। पीएम मोदी ने लोगों से घर-घर में राम ज्योति जलाने की अपील की है। शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने इस पर बयान देते हुए कहा कि उनकी पार्टी को इस समारोह में शामिल होने के लिए निमंत्रण नहीं भेजा गया है। इस पर अब रामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने बयान दिया है।

संजय राउत पर बरसे आचार्य सत्येंद्र दास

राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, ‘संजय राउत को बहुत दर्द है। वे दर्द व्यक्त नहीं कर सकते हैं। इसलिए भगवान राम को इसमें घसीट रहे हैं। भाजपा ने आस्था और विश्वास पर सत्ता प्राप्त की है। न कि भगवान राम को राजनीति में लाकर। जिन्होंने भगवान राम को नकार दिया है वो गार गया है। जिन्होंने भगवान राम को स्वीकार किया वो आज सत्ता में बैठे हैं।’ बता दें कि इस मुद्दे पर संजय राउत ने बयान देते हुए कहा था कि अगर कोई पार्टी यह कहती है कि राम हमारे हैं तो वे राम को छोटा कर रहे हैं। हमारी पार्टी ने राम के लिए बलिदान दिया है।

क्या बोले संजय राउत?

संजय राउत ने कहा कि मुझे लगता है कि भाजपा की सरकार अयोध्या से ही चलने वाली है। पीएमओ या भाजपा का ऑफिस हो, सबकुछ अयोध्या से ही चलेगा। 22 जनवरी के बाद भाजपा श्रीराम को पार्टी से प्रत्याशी बना देगी। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उन्होंने कहा कि वे भाजपा के इवेंट में नहीं जाएंगे। ये भाजपा की रैली है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद रामलला के दर्शन के लिए जाएंगे। बता दें कि देशभर से करीब 4 हजार लोगों को इस कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया है। कांग्रेस पार्टी के नेताओं को भी इस कार्यक्रम में शामिल होने का न्यौता भेजा गया है।


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