अक्‍सर लोग किसी न किसी कारण से अपना आधार कार्ड तो अपडेट कराते रहे हैं, लेकिन बच्‍चों के आधार की ओर ध्‍यान नहीं देते हैं. क्‍योंकि बच्‍चे के आधार की कहीं जरूरत नहीं पड़ती है, इस वजह से बनने के बाद से उसी तरह पैक रखा रहता है. ऐसे में अगर कहीं आधार कार्ड की जरूरत पड़ जाए तो बगैर अपडेट आधार कार्ड किसी भी उपयोग में नहीं आएगा.

एनसीआर के सबसे बड़े यूनिक आइडेंटीफिकेशन ऑथारिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के आधार केन्‍द्र के प्रभारी नीशू शुक्‍ला बताते हैं कि बच्‍चों का आधार कार्ड वयस्‍क होने से पहले दो बार अपडेट कराना अनिवार्य है. ऐसा नहीं करने से आधार उपयोगी नहीं रहेगा. पहली बार पांच वर्ष की उम्र में और दूसरी बार 15 वर्ष की बायोमेट्रिक अपडेट कराना अनिवार्य है. तय समय में लोगों को आधार सेवा केन्‍द्र जाकर आधार अपडेट कराना चाहिए.

अगर किसी ने इस अवधि में आधार कार्ड में किसी भी तरह का कोई संशोधन कराया होगा तो उस समय ई केवाईसी जरूर हुआ होगा. बड़ों के आधार कार्ड में पता, मोबाइल नंबर या अन्‍य किसी तरह के कोई बदलाव होने पर केवाईसी हो जाता है लेकिन बच्‍चों के आधार में सामान्‍यत: किसी तरह की कोई जरूरत नहीं पड़ती है. इस वजह से उनका आधार अपडेट नहीं होता है.

देशभर के बड़े शहरों में यूआईडीएआई के आधार सेवा केन्‍द्र खुले हैं. यहां जाकर बच्‍चों का आधार अपडेट कराया जा सकता है. किसी का आधार कार्ड किसी दूसरे राज्‍य का है और मौजूदा समय दिल्‍ली में रह रहा है, लेकिन वो चाहता है कि आधार मे उसका पता पुराना पता ही रहे, तो वो पिता का पुराने पता का प्रूफ लगाकर अपडेट करा सकता है. बैंकों और पोस्‍ट आफिस में बच्‍चों का आधार अपडेट नहीं होता है, इसलिए यूआईडीएआई के आधार सेवा केन्‍द्र में ही जाना होगा.


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