मुख्यमंत्री आवास पर बुधवार शाम हुई सत्ताधारी विधायक दल की बैठक के बाद बाहर निकले सभी नेता एक स्वर से यह कहते दिखे कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं और आगे भी वही मुख्यमंत्री रहेंगे. लेकिन विश्वनीय सूत्र बताते हैं कि सत्तारूढ़ दल के विधायकों-मंत्रियों को अगले कुछ दिनों तक राजधानी में ही रहने का निर्देश दिया गया है. किसी भी विधायक को अगर किसी अपरिहार्य कारणों से एक-दो दिन के लिए बाहर जाना भी हो तो वह इसकी सूचना अपने विधायक दल के नेता को जरूर दें. यह इस बात का संकेत है कि आनेवाले दिनों में झारखंड में राजनीतिक हलचल तेज ही रहेगी।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने विधायकों के बीच यह भी संदेश देने की कोशिश की कि वह प्रवर्तन निदेशालय के समन या कार्रवाई से न झुके हैं और न टूटे हैं. बैठक में मौजूद विधायकों ने ऑफ द रिकॉर्ड इसकी जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में विधायकों से कहा कि आपका सहयोग मिलता रहा तो हम संघर्ष करते रहेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि या तो हम उनके सामने सरेंडर कर दें या फिर संघर्ष करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने संघर्ष का मार्ग चुना है. सूत्र बताते हैं कि सत्तारूढ़ विधायक दल की बैठक में कल्पना सोरेन के नाम पर कोई चर्चा नहीं हुई, लेकिन गांडेय से झामुमो विधायक सरफराज अहमद के इस्तीफे को लेकर यह जरूर कहा गया कि शेर के गले में घंटी किसी को तो बांधना ही था।

नेतृत्व परिवर्तन की अभी भी बनी हुई है संभावना-सूत्रः विधायक दल की बैठक में शामिल हुए विधायक ने ऑफ द रिकार्ड यह कह कर बड़ा संकेत दे दिया कि वही हो सकता है जिसकी चर्चा हो रही है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि बैठक के दौरान कल्पना सोरेन या किसी के नाम पर कोई चर्चा नहीं हुई और सभी विधायकों ने एक स्वर से हेमंत सोरेन के हर फैसले के साथ पूरी मजबूती से खड़े रहने की बात कही. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी विधायकों की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि अभी तक आपके सहयोग और समर्थन से संघर्ष किया है और आगे भी साथ मिला तो संघर्ष करेंगे।


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