रांची: नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चल रही सियासी चर्चा के बीच बुधवार 3 जनवरी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर सत्तारूढ़ दलों के विधायकों की अहम बैठक हुई. करीब दो घंटे तक कांके रोड स्थिति मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में सीएम हेमंत सोरेन के समक्ष सभी विधायकों ने एकजुटता प्रदर्शित करते हुए मौजूदा सरकार के प्रति विश्वास जताया. वर्तमान राजनीतिक स्थिति और ईडी की कार्रवाई पर बैठक में खुलकर चर्चा हुई और विपक्ष की साजिश का जवाब देने के लिए तैयार रहने को कहा गया।

हर परिस्थिति का करेंगे मुकाबला- हेमंत सोरेन

सत्तारूढ़ दलों के विधायकों के साथ बैठक करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हम हर परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं. आप भी विपक्ष की साजिश को विफल करने के लिए तैयार रहें. बैठक में कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक साथ बैठे दिखे. उनके ठीक सामने 42 विधायक उपस्थित थे. कुछ अनुपस्थित विधायक वीडियो कॉफ्रेसिंग से सरकार के प्रति विश्वास मुख्यमंत्री के समक्ष जताया।

बैठक के बाद बाहर निकले मंत्री-विधायकों ने नेतृत्व परिवर्तन को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री हैं और आगे भी रहेंगे. विपक्ष की साजिश को विफल करने की बात कहते हुए मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और आने वाले 2024 के विधानसभा चुनाव में भी भारी बहुमत से सत्ता में वापस आयेगी।

गांडेय सीट से इस्तीफा देकर झारखंड की सियासत को गर्म करने वाले पूर्व विधायक सरफराज अहमद ने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा व्यक्तिगत कारणों से दिया है. उन्होंने कहा कि पार्टी को जरूरत थी इसलिए इस्तीफा दिया और रास्ता बना दिया. विपक्ष लाख दुष्प्रचार कर ले मगर इसका फायदा उसे नहीं होगा वहीं बैठक की जानकारी देते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडे ने कहा कि उपस्थित सभी विधायकों ने सरकार के प्रति विश्वास जताया है राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं और आगे भी रहेंगे. नेतृत्व परिवर्तन को लेकर विपक्ष के द्वारा यह सोची समझी दुष्प्रचार है।

बैठक के बाद आलमगीर आलम को छोड़कर कांग्रेस कोटे के तीन मंत्री एक गाड़ी में बैठकर बाहर निकलते दिखे. रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल से उनकी राय जानने की काफी कोशिश मीडियाकर्मियों द्वारा होती रही मगर वो कुछ भी नहीं बोले. सीएम आवास पर बैठक के बाद कांग्रेस के सभी विधायक को प्रभारी ने बैठक के लिए तलब कर चर्चा का विषय बना दिया है।

बहरहाल तमाम कयासों को विराम देते हुए आज की बैठक के बाद जिस तरह से बात छन कर आ रही है वो जानकारों को पच नहीं रहा है. सियासत में अंदर कुछ होता है बाहर कुछ और. ऐसे में आज की बैठक के बाद जारी नेताओं के बयान से भले ही नेतृत्व को लेकर विराम लगता दिख रहा है मगर इतना तो जरूर है कि सत्तारुढ दलों के अंदर ईडी की कार्रवाई ने भय पैदा कर दिया है।


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